(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 8 मई 2012

................माँ धरती के पुकार............

हम धरती मिथिलांचल के, एखनो तक गुलाम छि!
अंग्रेज के कैद सs छुटलोउ, अपनों कैद में पड़ल छि!
अंग्रेज सs लड़िकs हमर पुत्र आज़ाद करौलक
अपन जे छल वैह लूटि लूटी कs खाया
रिश्वत आ भ्रस्टाचार के ज़ंजीर में आयो ज़करल छि !
दो सो साल तक अंग्रेज के झूठा खेलोऊ
हमर पुत्र जवान दुसमन के कैद सs छुरौलक
आई के नेता की जाने, हम कोण आइग में जलाल छि !
जवान पुत्र के कुर्बानी के हम एखन तक नय छि बिसरल.
इ कुर्सी के भूखल नेता फेर सs सूली पर चढ़ेलाक
पकिस्तान बना कs जखन हमरा बाटल गेल
हमर दोनों बाह कसाय के हाथ कटी देल गेल
धरा ऊपर खींचि देल डढैर, दुइ भागमें एना हम बँटल छी
आजादी के झूठे अग्वे कुर्सी सरताज भय गेल
शहीद के वंश एक एक रोटी के मोहताज भय गेल
"रधे" हालत के देख आई शहीदों के , हम धरती में गड़ल छि !!