(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 31 जनवरी 2017

सरस्वती वन्दना

सरस्वती वन्दना 

विद्याक     देवी ,   हमर  अछि प्रणाम  । 
 अहाँ  तेजि  जैयो  नञि  मिथिलाक धाम ॥ 

  गंगा  आ कोशी , कमला गंडक बहैत अई  ।
  घर - घर  में  वेद   गीता  पोथी  रहैत अइ  ॥  
जतयक   बेटी  सीता   ने  ने अयली राम  । 
           अहाँ  तेजि --- विद्याक  देवी- --
चिनुआर  पर  गोसाउनिक  पीरी  रहैत अई । 
जिनकर अपार महिमा  घर - घर गबैत अई ॥ 
गोवर   सँ   नीपल  , आ  अड़िपन ललाम  । 
                   अहाँ  तेजि --- विद्याक  देवी- -
भोजन आ  भेष  वाणी  ,अमृत जतयक अई ।
सेबा अतिथि स्वागत ,स्वीकृति  जतयक अई ॥
जतय   आबि   भोला   बनल   छथि  गुलाम  ।
                 अहाँ  तेजि --- विद्याक  देवी- -
बिसरि  गेल   मिथिला   में  एकबेर  आऊ ।
"रमण " मैथिलीक  गीत  वीण  पर बजाऊ ॥
एकबेर    जगमग   अपन  करू   नाम  ।
                    अहाँ  तेजि --- विद्याक  देवी-

रचना कार - 
रेवती रमण झा " रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
आनन्दपुर , दरभंगा  ,मिथिला
मो 09997313751

मंगलवार, 24 जनवरी 2017

ई शीश धरब बलिदान रे


॥  ई शीश  धरब  बलिदान  रे  ॥ 
परम  स्वतन्त्र  हमर भारत अछि
हक़  अछि    एक    समान   रे  ।
हम   सब  निज  अधिकार   हेतु
 ई  शीश    धरब    बलिदान   रे  ॥
                हम   सब --- ई  शीश --

लहरय     झंड़ा   , आइ    तिरंगा
पागल        पवन     - पतंग   रे ।
केसरिया    बल  , बांग    हरित
अरु  स्वेत   सत्य  केर   रंग  रे ॥
माँ  भारत  के  चरण  पखारल
गंगा     केर    तूफान      रे  ।
                  हम   सब --- ई  शीश --

भारत   माता   केर    सपूतक
सपना    थिक   साकार    रे  ।
देश    भक्त वर  वीर सुभाषक
कीर्ति     विदित    संसार   रे  ॥
 गाँधी    लकुटि   लगोंटी   धारी
देश      रत्न     भगवन      रे ।
        हम  सब --- ई शीश -- ॥

समर -  सिन्धु    तूफान मध्य
सँ  किस्ती  आनल  जीत  रे  ।
"रमण " देश  के बिलटायब  नञि
भारत    भूमि सँ    प्रीत    रे  ॥
भारत    हमर , हम   छी  वाशी
दखल     करात   के   आन   रे  ।
   हम   सब --- ई  शीश --

रचना कार - 
रेवती रमण झा " रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
आनन्दपुर , दरभंगा  ,मिथिला
मो 09997313751

॥   देश के  जँ  बचायब  पिया  ॥


सीथक सिन्दूर हमर , होयत  तखनेटा अमर
देश के जँ बचायब  पिया , उछलि  गँगा  सन जायत हीया

स्वर्ण   पट   पर   सुभाषक  अमर जिंदगी
गाँधी   नेहरू   आ  वीर   कुँवर   जिंदगी ,

धन्य   माइयो  ओकर , पुत्र  वीरो जकर
धन्य  पत्नी ,  जकर  हो पिया  ॥ उछलि  गँगा --

देश  प्रेमी  सँ  मिलिते  रहब  सब  दिन
कर्म भूमि पर  खिलिते  रहब सब दिन

सुधि  बिसरि  कउ  हमर , जायब दुष्टक डगर
    मारब दुश्मन के , पाइनो  पिया  ॥  उछलि  गँगा ---

सीथ    सिन्दूर  सबटा  , ई  झरि  जायत जँ
सउख  हमर सुहागक  ,  ई जरि  जायत जँ

नोर झारब  नञि  हम , शोक डारब नञि हम
रक्त  के हम करब  बिन्दिया  ॥   उछलि  गँगा ---

भाग्य   अवसर  जे  सेवाक  भेँट  गेल  अइ
स्वर्ग   पथ   आब   जेवाक  भेँट  गेल  अइ

"रमण " नर तन  अते , पायब युग - युग  कते
जिन्दगी  ने  करू  , ऐछीया  ॥ उछलि  गँगा ---
रचना कार - 
रेवती रमण झा " रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
आनन्दपुर , दरभंगा  ,मिथिला

मो 09997313751

मंगलवार, 17 जनवरी 2017

नवसाल के- नबका बात

नवसाल  के- नबका बात 

सुनू  यो  मैथिल  , सुनू यौ तात 
 नाव  साल   के   नवका   बात  । 
नवल  चेतना  जागि  उठल नव 
अहाँ  सब छी , कियक  एकात ॥ 
            सुनू  यौ  --- नाव   --

कतबौ    लड़लौं ,   कतबौ   लरु 
मुदा  एकहि  ठाँ  सब किछू  धरू । 
सब    फदकैया   संग    रहैया 
जहिना  टोकना  केर यौ भात  ॥ 
  सुनू  यौ  --- नाव   --

कियो नञि  दुरजन , सब छथि सज्जन 
जौं  दुरजन  त   हमहीं   दुरजन  । 
अप्पन -  अप्पन  ठीक  करु  मन 
एक  लाख   में  एकटा   बात  ॥ 
              सुनू  यौ  --- नाव   --

उठू   यौ   मैथिल  सव  कियो जागू 
सब ठाँ   मैथिल   पहुँचल   आगू  । 
सभतरि मिथिला चमकि उठल अछि 
अपन     गाम  -   अपन   बात  ॥ 
                  सुनू  यौ  --- नाव   --

रचैता - 

 रेवती रमण झा  "रमण "