रविवार, 26 जून 2011

बकलेल छौरा


कतो भेट नै सकत एकरा ऐहेन जोरा
दारू पि ऊंघ्राइल रहै छाई बकलेल छौरा
माई बाप के सुनै गाईर ,लात घुसा खा माई
चौ चौराहा खा पकोरा
दारू पी परल है बक लेल छौरा
लेखक - मुकेश मिश्रा
9990379449



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