शनिवार, 19 नवंबर 2011

भूख:-


भूख कतमे पड़ल
छाओ मासक नेनाके
भूखसँ बेहाल पथियामे राखल आम दिस लपकैत देखि
कात करैत ओकर माय कहै अछि -

पियास लागल छह?
आनि देत छियह
चापाकल सऽ ठंढा पानि
भरि मोन पीबी लिहs
आ पिब हमहूँ
शान्त करब अपन लहरित पटकें
आ तोहर सेहो!

एक आमक दाम
बुझल छह तोरा?
नहि ने!
मात्र पाँच टाका आ महाजन सुदी
एक संझाक खोराक
आधा सेर मोटका चाऊरक दाम
चलह बना देत छियs मरसटका
ओहिमे तकियs बेटा!
मालदह आमक स्वाद!


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें