![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhvNpETPOych2QyYwBuXgn6RBqIDOL_rvgHyUEq_ul2KrfPA06eySCLE_8jtqkI2BSStmGrRT_yoRldQBsXbwPjJuxgCWVRi8aitPo6MepQc3lc5-On7EOsPSmdgNlNl1WJotuRjNOXte2q/s400/jantar+-mantar.jpg)
ओ समस्त संघ-संस्था आ मिथिला प्रेमीकेँ मिथिला लेल एकजूट बनबाक आह्वान करय लेल असगर व्यक्ति मात्रक नाम सँ अनशनके घोषणा कयलाह। कारण साफ छैक - जखनहि लोक गूटबाजीमें फँसल केवल मिथिलाक नाम पर ढकोसला आन्दोलन करैत छथि आ नाम बेर अपन नामक चकाचौंध देखैत छथि ताहिके कारण कवि कम से कम पहिल युवा बनि आन्दोलनमें कूदबाक प्रेरणा संचरण करय लेल आ ई संवाद सेहो देबाक लेल जे एखन धरि कोनो संस्था जखन आम जन तक पहुँच बनेनहिये नहि अछि तखन कोना केकरो क्रेडिट देल जाय, केकरो छोडल जाय... दूविधा सँ बहुत नीक जे असगरे डेग उठाबी आ तखन सभ संस्था हमरा आशीर्वाद देबाक लेल आगू आबैथ आ समस्त मिथिलासँ लोक के एहि आन्दोलन सँ हमरे संग जोडैथ। ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhMSsGBxETlt18_0bYyjVnwrU8oNprsoYk2vQW9oluGkNzYj87jrX8E5cipPA9KY-YWdq1-4gqj6Ohytgdt44yTW_JdAhXFfZM1DzUWhzeXIIAKkKeoZkelTstBc3yZmbWHihbsz5wvBBox/s400/mithila++vichar.jpg)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhMSsGBxETlt18_0bYyjVnwrU8oNprsoYk2vQW9oluGkNzYj87jrX8E5cipPA9KY-YWdq1-4gqj6Ohytgdt44yTW_JdAhXFfZM1DzUWhzeXIIAKkKeoZkelTstBc3yZmbWHihbsz5wvBBox/s400/mithila++vichar.jpg)
नकारात्मक प्रभाव: लेकिन जहिना हमेशा सऽ मैथिलक वैन रहल अछि जे खोट मात्र निकालब, संग देब वा देबाक क्षमता विकास करब नहि करब, खोट जरुर निकालब... बस तहिना पहिले तऽ खूब लेखा-जोखा आ कविकेँ पोल्हेबाक कतेको अंदरूनी खेल सभ भेल... जे संग देबाक लेल आ योजना सहित मुहिम के एहि बेर मिथिलाक जैडतक पहुँचेबाक लेल आगू डेग उत्साहके संग उठेने छलाह तिनका प्रति सेहो कतेको अनाप-शनाप प्रलापगान करैत कविके हतोत्साहित कैल गेल (जेकर पूरा विवरण ठीक होली दिन 'मिथिलाक जयचन्द' शीर्षक अन्तर्गत पढब) आ अन्ततोगत्वा जखन कवि अपन सिद्धान्त सँ नहि डिगलाह तखन सभ कियो कविपर अपन कोपके प्रयोग करब शुरु कयलाह। संग देनिहार जे सुच्चा लोक छथि ओ शुरु सऽ आखिर धरि संगे रहताह, आ जे केवल गडबडघोटालेबाज छथि ओ सभ दिन खण्डी-खण्डी खेल खेलेबे करताह। अस्तु!
सार्थक परिणामक भविष्यवाणी:
*जे कहियो नहि भेल छल से एहि बेर होयत - मिथिलाक आन्दोलनमें ई एक ऐतिहासिक पहल साबित होयत।
*मिथिला राज्यक माँग समस्त आम मिथिलावासी लेल बनत।
*मिथिलाक सरोकार मिथिलावासी बुझताह।
*मिथिलाक हरेक अभियानी एकजूट बनताह आ बतहपनी देखेनिहार कतय फेकेता जेकर मिथिलाक आन्दोलन सँ सरोकार एकदम नहि रहत।
*६ महीना के भीतर मिथिलाक आन्दोलन लेल एक निश्चित प्रारूप बनत।
*कवि एकान्त स्वयं अपन अनेको ऐगला कार्यक्रम के घोषणा करताह।
*मिथिलाक आरो युवाशक्ति अपन मातृभूमि आ मातृभाषाक सेवार्थ एहि आन्दोलनसँ जुडताह।
उपरोक्त समस्त सुखद परिणाममें स्वार्थविहीन आन्दोलनकर्मी सफल हेताह, बाकी के जहिना होइत आयल अछि से होयत जे कतहु कोनो पूछ तक नहि हेतैन।
जय मैथिली! जय मिथिला!!
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