(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

सोमवार, 28 नवंबर 2011

-------निर्वासन-----

कत' रहब
आ कोना रहब
धरती-गगन
आकी चान पर रहब?

जंगलक झोंझ!
पहाड़क खोह!!
वसुन्धराक सोन्हि!!!
आकी समुन्द्रक लहरी में रहब?

सगरो सँ खेहारल जाएब
लुक्का सँ झरकाओल जाएब
बिढनी सँ बिन्हाओल जाएब
फत्रा में बझाओल जाएब
पिजरा में बैसाओल जाएब

पूछबै से किएक यौ भाई?
तं अहींक डीह-डाबराक
बीत भरी जमीन
हडपी लेबक लेल
वा आड़ी काटी-कटी
डसैत रहबाक लेल
दसो दिगंत में
दियाद-बाद बनिक'
ठाढ़ रहत दुर्योधन!

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