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बुधवार, 8 अप्रैल 2015

मिथिला धाम, अमरनाथ मिश्र (भटसिमरि)

मिथिला धाम

सुन्दर मिथिला धाम छइ
मैथिली के मुस्कान छइ ।  

भोरे साँझे कोयली कुहकय  
पपीहरा गीत सुनाबैत छइ 

सुरूज पराते तिमिर भगावथि  
लालहि लाल विहान छइ ॥  

ठाँव महादेव घंटीक टन टन  
पौतीमें सालिग्राम छइ  

तुलसीदल सँ तिरपित होइ छइ
महिमा हिनक महान छइ ॥ 

आनन चानन कुसुमक कानन 
गेना आओर गुलाब छइ 

फुल लोढ़य लेल देखल व्याकुल 
मिथिला के सन्तान छइ ॥ 

कोशी कमला चरण पखारथि  
घरहि घर भगवान छइ 

मैथिली के सुन्दर बगिया में 
सुन्दर मिथिला धाम छइ ॥

बाग बगीचा लीच्ची जामुन  
गमगम आम लताम छइ

ठकुआ पुरी बगिया भुसबा  
घरहि में पकवान छइ ॥  

पोखरि झाँखरि बारी झारी 
माछ मखान आओर पान छइ 

लत्ती लतरल चतरल देखल 
कोनचर पर तिलकोर छइ ॥  

अमरनाथ मिश्र (भटसिमरि) 
मधुबनी मिथिला 


जय मिथिला जयति मैथिली जय श्री हरि:

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