(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 17 जनवरी 2017

नवसाल के- नबका बात

नवसाल  के- नबका बात 

सुनू  यो  मैथिल  , सुनू यौ तात 
 नाव  साल   के   नवका   बात  । 
नवल  चेतना  जागि  उठल नव 
अहाँ  सब छी , कियक  एकात ॥ 
            सुनू  यौ  --- नाव   --

कतबौ    लड़लौं ,   कतबौ   लरु 
मुदा  एकहि  ठाँ  सब किछू  धरू । 
सब    फदकैया   संग    रहैया 
जहिना  टोकना  केर यौ भात  ॥ 
  सुनू  यौ  --- नाव   --

कियो नञि  दुरजन , सब छथि सज्जन 
जौं  दुरजन  त   हमहीं   दुरजन  । 
अप्पन -  अप्पन  ठीक  करु  मन 
एक  लाख   में  एकटा   बात  ॥ 
              सुनू  यौ  --- नाव   --

उठू   यौ   मैथिल  सव  कियो जागू 
सब ठाँ   मैथिल   पहुँचल   आगू  । 
सभतरि मिथिला चमकि उठल अछि 
अपन     गाम  -   अपन   बात  ॥ 
                  सुनू  यौ  --- नाव   --

रचैता - 

 रेवती रमण झा  "रमण "

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें