(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

दहेज़ मुक्त मिथिला

दहेज़ मुक्त मिथिला



जन - जन के अबैत अछि आबाज ,

दहेज़ मिटाओ यो मिथिला के राज

गुजराल बुढ पूरानक बात ,

नव युवक रखैया आई अपन आगाज

दहेज़ मुक्त मिथिला बनाऊ आब -


जुग बितल आयल नव जमाना ,

संस्कृति बचाऊ सब मारैया ताना

कोट - कचहरी वियाह करैया ,

कन्यादान के आब बुझैया

नव युवक मंगैया आब अपन जबाब

दहेज़ मुक्त मिथिला बनाऊ आब -


अहिना चलत ज ई जोड़ - जमाना ,

की - की नै करत नव युबक अपन बहाना
बात मानू सब खाऊ मिल किरियो ,

बेटा - बेटी में लेब नै दू टा कोरियो

नब युवक के देखू आयल राज

दहेज़ मुक्त मिथिला बनाऊ आब -


गाम - गाम में रह्त ई शान ,

बेटा नै बेचीलैथी छैथि निक इंशान
दोसरक घर के भीख ज़ोउ मांगब ,

भीख मांगा के नाम से जानब

नव युबक बात पर राखु आब नाज

दहेज़ मुक्त मिथिला बनाऊ आब -

 
छी परदेशी या कउनु सहरी ,

सुनू पुकार आई मिथिला के
जों संस्कृति छोरी गेला ओ ,

संतान कहओता ओ दोगला के
नव युबक बात के नै मनाब खाराप

दहेज़ मुक्त मिथिला बनाऊ आब -


 madan kumar thakur

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