(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 13 नवंबर 2009

''तुम्हें क्या मिला वह तो मैं नहीं जानता लेकिन एक बात जरूर जानता हूँ कि तुमने उस शख्स को खोया है जो कभी अपने आपसे भी ज्यादा तुम्हें प्यार करता hai। तुमने उसे धोखा दिया है जिसने अपने जीवन में सिर्फ और सिर्फ तुम पर भरोसा किया। खैर तुम्हे जो करना था वह तुमने कर लिया बस अब एक आखिरी गुजारिश है। मेरे बाकी बचे जीवन में कभी भी और कहीं भी अगर तुम्हारा मुझसे सामना हो जाए तो भगवान के लिए अपना रास्ता बदल देना या फिर अपना मुँह फेर लेना। क्योंकि मैं जानता हूँ कि जब कभी भी मैं तुम्हारा चेहरा देखूँगा तब मुझे सिर्फ एक ही बात का अफसोस रहेगा कि मैंने इस चेहरे के पीछे छुपे हुए उस शख्स से प्यार किया जिसने आखिर तक मुझे धोखे के अलावा और कुछ भी नहीं दिया।

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