(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 24 जून 2010

भारत भूमि महान



लेखक - मुकेश मिश्रा


मार्ग कठिन अछी आत्मबल सबल अछि
पाठकक स्नेहे स मनोबल बढल आछी !
हम तऽनिमित छि मिथिलाक पुत्र केर ,
दीन राति बाटैत छि मैथिलिक सूत्र केर !!
मिथिला राज्य चाही बस एक अछि अभिलाषा ,
अपन गामक सहयोग स जरुर पुरत इ आशा !!!

भारत भूमि महान

हमर हे भारत भूमि महान , आहा केर लाखक लाख प्रणाम
भाल मुकुट हिमगिरी बीराजय , बन उपवन तन -मन के साजय,
जलनिधि पायर पखारथी सदिखन ,कय कल -कल स्वर गान !
हमर हे भारत भूमि महान , आहा केर लाखक लाख प्रणाम !!

दिनकर प्रथम किरन दय उर पर ,गाबय कोकिल सातहु सुर पर ,
शीतल बिंदु इंदु झहराबथी , तारागन मुस्कान
हमर हे भारत भूमि महान , आहा केर लाखक लाख प्रणाम

ब्रम्हापुत्र ,गंडक आ गंगा , सरयुग ,कोशी ,यमुना ,तमसा ,
वक्षस्थल पर खेलथी सदिखन कमला और बलान !
हमर हे भारत भूमि महान , आहा केर लाखक लाख प्रणाम

शंकर ,व्यास ,मंडन आ दधिची,बिद्या बारीधी पुण्र बिभूति
देलनि रंग बीरंगक पोथी गीता ,वेद ,पुरान !
हमर हे भारत भूमि महान , आहा केर लाखक लाख प्रणाम

गाँधी ,बुद्ध ,सुभाष ,भगत केर ,जंथी के नही एही जगत केर
सीता ,साबित्री सन कर्मठ ,मनु सनक सन्तान !
हमर हे भारत भूमि महान , आहा केर लाखक लाख प्रणाम
गीतकार - मुकेश मिश्रा
9990379449

11 टिप्‍पणियां:

  1. हमरा इ बर निक लागल
    मुकेश जी
    नीलम क तरफ स मुकेश जी क बहुत
    बहुत प्यार

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  2. हमरा इ बर निक लागल
    मुकेश जी
    सपना क तरफ स मुकेश जी क बहुत
    बहुत प्यार

    जवाब देंहटाएं
  3. हमर मिथिला त हमरे छि ,
    मुदा कसम स मुकेश जी
    शीतल क लगी रहल छै,
    मिथिला के संग संग अहू हमरे छि

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  4. मुकेश जी क राजेश के तरफ स लाख
    लाख अभीनन्दन

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  5. जहन आहा लिखैय छिये मुकेश जी
    मन करै य झूमी जय
    नाची नाची क दौरल आबी क आहा क
    हम चूमी जय
    रानी (मधेपुर प्रशाद )

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  6. एगो चाँद उपर य दोसर चाँद निचा
    एक बेर आहा भेटीतऊ मुकेश जी
    आछी सोनी क इक्छा
    सोनी (मधुवनी मेंहथ)

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  7. जान में जान आबी गेल
    आहा स पहचान बनी गेल ,
    रहितौ हमरा ओरा
    ल लैतव हम कोरा,
    शालू (कोठिया)

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  8. हमरा बर निक लागल मुकेश जी
    ममता( कोलकत्ता )

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  9. जय भारत माँ
    अहिना लिखू
    आदेश

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  10. हमर हे भारत भूमि महान , आहा केर लाखक लाख प्रणाम
    jay matrbhumi -----

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