(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 31 जनवरी 2019

समस्त भाई- बंधू एवम माता बहिन , जे दिल्ली एनसीआर में निवास करैत छी सबगोटेक सादर आमंत्रित छी |

                                       
                                                
            |                                        
                                         विद्यापति गौरव मंच   
के तत्वधान  में  विद्यापति नगर  जलपुरा  ग्रेटर   नोएडा  में स्थित संस्था  अच्छी ,  माँ सरस्वति के  दुतीय  पूजा एही बेर भरहल  अछि | अहि  शुभमंगल दिन बाबा विद्यापति जी के मूर्ति ,  केंद्रीय  मंत्री  डॉ  महेश शर्मा जी के कर कमलो द्वारा अनावरण  सेहो  कायल जायत ,  अहि  शुभ  अवसर के उपलक्ष्य  में ,  संस्कृतक  कार्य क्रम  आ  सांध्य  भजन -कीर्तन  के सेहो आयोजन  अच्छी , जाहि में  अपनेक  उपस्थित  अनिवार्य अछि  |    माँ सरस्वति जी के पूजा के प्रसाद  ग्रहण करी  आ  आशिर्वाद प्राप्त करि , 
    धन्यवाद || 

                                            



शुक्रवार, 11 जनवरी 2019


                          || तिलासंक्रान्ति ||
                      " भरल चगेंरी मुरही चुरा "
                                       

उठ - उठ बौआ रै निनियाँ तोर ।
अजुका   पाबनि   भोरे   भोर ।।
पहिने  जेकियो   नहयबे  आई ।
        भेटतौ तिलबा रे मुरही लाइ ।।  उठ....

ई पावनि छी मिथिलाक पावनि
सब  पावनि   सं   बड़का  छी ।
भरल     चगेंरी      मुरही     चुरा
तिलवा   लाई   उपरका   छी ।।

उपर  देहिया  थर - थर  काँपय
        भीतर मनुआँ भेल विभोर ।।  उठ....

   चहल पहल भरि मिथिला आँगन
 अइ पावनि के  अजब मिठाई ।
आई   देत   जे   जतेक   डुब्बी
 भेटतै   ततेक   तिलबा  लाई ।।

मुन्ना   देखि  भरय   किलकारी
            जहिना वन में कोइलिक शोर ।।  उठ...

बुढ़िया   दादी   बजा   पुरोहित
छपुआ साडी   कयलक दान ।
तील चाऊर बाँटथि मिथिलानी
    एहि पावनि केर अतेक विधान ।।

     "रमण" खिचड़ी केर चारि यार संग
              परसि रहल माँ पहिर पटोर ।।  उठ......

  गीतकार
     रेवती रमण झा "रमण"