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सोमवार, 28 जून 2010

लेखक - मुकेश मिश्रा





लेखक - मुकेश मिश्रा , 9990379449

गीत - मुकेश मिश्रा





गीत - मुकेश मिश्रा ,-9990379449

मंगलवार, 15 जून 2010

मक्ष्छर चलिसा



दोहा

अति आबस्यक जानी के होके अति लचार ,
बरनो मच्छर सक्‍ल गुणों दुख दायक ब्यबहार ।
बिना मसहरि दिन हूँ सुनहू सकल नर्रनार ,
मक्ष्छर चलिसा लिखक पढ़उ सोइच बिचैर ।।

चोपाई

जय मच्छर भगवान उजागर ।
जय अनगिनित हे रोग के सागर ।।

नदियाँ पोखैर गंगा सागर ।
सबठाम रहते छी अही उजा गर ।।

नीम हकिम के अही रखबारे ।
डाक्टर के भेलो अतिश्य प्यारे ।।

मलेरिया के छी अहा दाता ।
छी खटमल के प्यारे भ्राता ।।

जरी बुट्टी से काज नऽ बनल ।
अंग्रेजी दबाइर् जलदी फीट करल ।।

आउल आउट गुडनाइर्ट अपनेलो ।
फेर अपन अहा जान बचेलो ।।

दिन दुखि सब धुप में जरैत छैथ ।
रैतो में बेचैन रहैत छैथ ।।

संझ – भोर अहा राग सुनाबी ।
गूं गूं के नाम कमाबी ।।

राजा छैथ या रंक फकिरा ।
सब के केलो अपनेही मत धिरा ।।

रूप कुरूप न अहा मानलो ।
छोटका - बऱका नै अहा जनलो ।।

नर छैथ या स्वर्गाक नारी ।
सब के समक्ष बनलो अहा भारी।।

भिन्न भिन्न जे रोग सुनेला ।
डाकटर कुमार फेर शर्मेला ।।

सब दफ्‍तर में आदर पेलो ।
बिना इजाजत के अहा घुस गेलो ।।

चाट परल जिन्गी से गेलो ।
कनैत खिजैत परिवार गमलो ।।

जय - जय हे मक्ष्छर भगवाना ।
माफ करू सबटा जुर्माना ।।

छी अहा नाथ साथ हम चेरा ।
जल्दी उजारारू अहा अपनेही डेरा ।।

दोहा



निश बंसर शंकर करण मालिन महा अति कुर |
अपन दल बल सहित बशु कहि जा दुर ||


मदन कुमार ठाकुर

पट्टीटोल (कोठिया), भैरव स्थान ,
झंझारपुर , मधुबनी , बिहार ,८४७४०४




शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

मिथिला चालीसा

                     मिथिला चालीसा

                 दोहा

अति आबस्यक जानी के शुनियो मिथिला के वास
बेद पुराण सब बिधि मिलल लिखल भोला लाल दास

पंडित   मुर्ख    अज्ञानी    से मिथिला   के ई   राज 
पाहुनं    बन    आएला    प्रभु   जिनकर    आज 
   चोपाई
जय - जय मैथिल सब गुन से सागर
कर्म बिधान सब गुन छैन आगर


जनक नन्दनी गाम कहाबैन
दूर - दूर से कई जन आबैन


देखीं क सीता राम के स्वम्बर
भेला प्रसन्य लगलैन अतिसब सुन्दर


पुलकित झा पंचांग से सिखलो
बिघन - बाधा से अति शिग्रः निपट्लो


         मंत्र उचार केलो सब दिन भोरे
ग्रह - गोचर से भेलोहूँ छुट्कोरे


विद्यापति जी के मान बढ़ेलन
बनी उगाना महादेव जी ऐलन

                                                                                                                       
जय - जय भैरवी गीत सुनाबी
सब संकट अपन दूर पराबी


लक्ष्मीस्वर सिंह राजा बन ऐला
पुनह मिथिला क स्वर्ग बनेला


भूखे गरीब रहल सब चंगा
सब के लेल ऐला राज दरिभंगा


बन योगी शंकरा चार्य कहोलैथ
अनेको शिव मंठ निर्माण करोलैथ


धर्म चराचर रहल सत धीरा
जय - जय करैत आयल संत फकीरा


जन्म लेलैन लक्ष्मीनाथ सहरसा
जिनकर दया से भेल अति सुख वर्षा


साधू संत के भेष अपनोलैन
फेर गोस्वामी लक्ष्मीनाथ कहोलैन


मंडन मिश्र क शास्त्राथ कहानी
हिनकर घर सुगा बजल अमृत बाणी


पत्त्नी धर्म निभेलैन विदुषी
जिनकर महिमा गेलें तुलशी


आयाची मिसर क गरीबी कहानी
हिनकर महिमा सब केलैनी बखानी


साग खाई पेटक केलनी पालन
हिनकर घर जन्मल सरोस्वती के लालन


काली मुर्ख निज बात जब जानी


भेला प्रसन्य उचैट भवानी


ज्ञान प्राप्त काली दाश कहोलैथ
फेर मिथिला शिक्षा दानी बनलैथ


गन्नू झा के कृत्य जब जानी
हँसैत रहैत छैथ सब नर प्राणी


केहन छलैथ ई नर पुरूषा
कोना देलखिन दुर्गा जी के धोखा


खट्टर काका के ईहा सम्बानी


खाऊ चुरा - दही होऊ अंतर यामी

मिथिला के भोजन जे नाही करता
तिनों लोक में जगह नै पाउता


सोराठ सभा क महिमा न्यारी
गेलैन सब राजा और नर - नारी


जनलैथ सब के गोत्र - मूल बिधान
फेर करैत सब अपन कन्या दान


अमेरिका लंदन सब घर में सिप्टिंग
देखलो सब जगह मिथिला के पेंटिंग


छैट परमेस्वरी के धयान धराबैथ
चोठी चन्द्र के हाथ उठाबैथ


जीतवाहन के कथा सुनाबैथ
फेर मिथिला पाबैन नाम बताबैथ


स्वर संगीत में उदित नारायण
मिथिला के ई बिदिती परायण

होयत जगत में हिनकर चर्चा
मनोरंजन के ई सुख सरिता


शिक्षा के जखन बात चलैया
मिथिला युनिभर्सिटी नाम कहाया


कम्पूटिरिंग या टैपिंग रिपोटर
बजैत लिखैत मिथिला शुद्ध अक्षर


है मैथिल मिथिला के कृप्पा निधान
रखियो सब कियो संस्कृति के मान


जे सब दिन पाठ करत तन- मन सं
भगवती रक्षा करतेन तन धन सं


हे मिथिला के पूर्वज स्वर्ग निवासी
लाज बचायब सब अही के आशी

    दोहा

कमला कोषी पैर परे गंगा करैया जयकार

शत्रु से रखवाला करे सदा हिमालय पाहार

( माँ मैथिल की जय , मिथिला समाज की जय -----------)
      
                                (   समाप्प्त )
लेखक :-

मदन कुमार ठाकुर
पट्टीटोल , कोठिया , (भैरव स्थान)

झंझारपुर , मधुबनी , बिहार -८४७४०४
mo - 9312460150


जगदम्बा ठाकुर
पट्टीटोल , कोठिया , (भैरव स्थान)
झंझारपुर , मधुबनी , बिहार -८४७४०४