(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

वक्त्त नहीं - madan kumar thakur

सबटा ख़ुशी अछि दमन पर ,
ऐगो हशी के लेल वक्त्त नहीं


दिन - राएत दोरते -दोरते दुनिया में ,
जिनगी के लेल वक्त्त नही

माय के लोरी के एहाशास त् छैन ,
मुद्दा माय कहैय के लेल वक्त्त नहीं

सब रिश्ता के त छोरी गेला ,
मुद्दा अंतिम संस्कार करैय लेल हुनका वक्त्त नहीं

सबटा नाम मोबाईल में छैन ,
मुद्दा दोस्तों से बात करैय वक्त्त नहीं

मन मर्जी व फर्जी के की बात करी ,
जिनका अपनोहु लेल वक्त्त नहीं

अखियों में बसल त् नींद बहुत ,
मुद्दा नींद से आराम करैय लेल वक्त्त नहीं

दिल अछि गमो से भरल ,
मुद्दा कानैय के लेल वक्त्त नहीं

टका - पैसा के दौर में एहन दौरी ,
की मुरीयो के तकय लेल वक्त्त नहीं

जे गेला हुनकर की कदर करी ,
जखन अपनही सपनों के लेल वक्त्त नहीं

आब अहि बताऊ हे जिनगी ,
अहि जिनगी के लके की हेतय

की ? हरदम जिनगी से मरेय बाला ,
जिबैय के लेल अछि वक्त्त नहीं


madan kumar thakur