(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

बुधवार, 10 मार्च 2010

सत्या नास केलक बीमारी - मदन कुमार ठाकुर

(हम आइ एक महिना सँ हॉस्पिटल मे बेड रेस्ट यानी बीमार आवस्था मे छी ! जाहि सँ कतेक फोन, कतेक ई-मेल, कतेको फरमाईस, कतेको मज़बूरी, कतेको तगेदा, कतेको उदासी, कतेको घबराहट, आ बहुतो आर्थिक स्थिति आय हमरा सामने आइब गेल अछि ! जकर उदाहरण हम अपन गाम घर (मैथिली ब्लॉग) पर लs के पाठक गनक समक्ष हाजिर छी !)

यमराजक याद आ संदेश .....
हमरा बीमार अवस्था मे यमराजक संदेश सेहो बुझै मे आबैत छल ! किएकी पुरा एक महिना बिमारी के भs गेल छल ! बिमारी छूटए के नाम नञि लैत छल लागैत छल जे कही अहि बिमारीक कारण हम हुनकर सिकार नञि भs जाय ! यदि एहेंन नौबत आयत तँ हमर घर संसार सभ चौपट भस जायत ! ई बात सोचि - सोचि के हम आर बेसी बिमार पड़ि जाइत छलहुँ !

कम्पनीक तरफ सँ फोन ....
हमरा बिमार अबस्था मे कम्पनीक तरफ से सबसे बेसी फोन आबैत छल जे ... आप को केवल १५ दिन का छुट्टी मिला था ! मगर अब पुरे एक महिना से भी ज्यादा हो गया हैं ! अगर आप इस सप्ताह ड्युटी ज्वाइन नहीं करेगे तो आपको कम्पनी के निष्कासित कर दिया जायेगा .... ई बात फोन से सुइन सुइन के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !

बौवा आ बुच्चीक स्कुल सँ नोटिक .....
हमरा बिमार अबस्था मे बौवा आ बुच्चीक स्कुल सँ सेहो नोटिक आइब गेल छल, लिखल छल जे ... आपके लड़के और लड़की की स्कुल फिस और बस फिस पिछले महिने से जमा नहीं हुवा हैं ! जिसके चलते आप के दोनों बच्चो को स्कुल से निकाल दिया जायेगा ! अन्यथा फिस जमा करने का यथा शीघ्र कस्ट करे ... हमर बौवा आ बुच्ची आब कोना स्कुल में पढ़त लागैत अछि जे आब धिया - पुताक जीवन ख़राब भs जायत ई नोटिस पैढ़ - पैढ़ के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !

दोकानदार लालाक तगेदा......
हम बिमार अबस्था में (हॉस्पिटल) में रही ताहि समय मे दोकानदार लालाक सेहो तगेदा आबिगेल छल, ओ हमर अर्धांग्नी के कही गेलैन जे ... आपका बहीखाता का हिसाब पिछले महिना से ही बांकी हैं ! आप जब दोनों महीने के रुपैया जमा करायेगे तभी हम आगे से रासन का सामान दे पायेगे अन्यथा दुसरे दूकान दार से संपर्क करे ! ई समाद हमरा कान मे पहुंचल, सोच्लो आब तs हमर घर के चूल्हा सेहो कोना कs जरत ! ई समाद सुनी सुनी के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !

गाम - घरक चिठ्ठी आ फोन ....
हम बिमार अबस्था मे (हॉस्पिटल) में रही तान्ही समय मे गाम से सेहो चिठ्ठी आबी गेल छल जाही में लिखल अछि .... जे बोआ अहाँ त देखते आ सूनैते हेब टी।वी यही समाचार मे हे हर साल गाम घर में बैढ़ आबई छैक तहि से धान पान ही हेतै सगे घर सेहो खैस परल अछि यानी गाम मे सभ तरहे बेसाहे चलैत अछि ! बाबु आर माय भैया सभ अहि के आस लगेना बैसल छैथ ! जे दिल्ली सs बौआ कहिया पाई पठेता ! गाम घरक ई चिंता सुनी सुनी आ पैढ़ पैढ़ के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !

बैंक से फोन आ ईमेल ....
एतबे नै हमर बीमारीक अबस्था में कतेक बैंक से सेहो फोन आ ईमेल स information के देल गेल छल ! जे अभी तक आप के किसी भी क्रेडिट कार्ड का पेमेंट पिछले दो महीने से नहीं हुवा हैं ! जिस के चलते आप के क्रेडिट कार्ड को स्थाई रूप से बंद कर दिया जायेगा अन्यथा पेमेंट जारी रखे ! बार बार हम ई सोचैत छलो जे आगूक पेमेंट हॉस्पिटलक हम कोना के करब ! ई information पैढ़ पैढ़ के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !

LIC कम्पनिक तरफ से नोटिक .......
हमरा बिमारी अबस्था मे LIC के एजेंटक नोटिस सेहो आबिगेल छल कहैत छल जे ठाकुरजी आपके तीनो LIC का किस्त दो दो महिना से पिछे चल रहा हैं ! अगर आप को इस बिच (समय) में कुछ हो गया तो इस का जिम्मेवार LIC कम्पनी नहीं होगा ! अन्यथा तीनो पॉलिसी का पेमेंट जारी रखे ! आप का आभारी LIC एजेंट.... ई LIC के नोटिस देख देख आ सुनी सुनी के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो ! जे हमरा मरलाक बाद हमर परिवारक की गति हेत !

गाम से पाई आबैत छल से भेल चोरी ....
गाम मे जखन सभ के धीरे धीरे पता चललैन जे बौआ एक महिना से हॉस्पिटल मे भरती अछि ! ओकर आर्थिक स्थिति बड ख़राब छैक, त बाबु अपन दुई बिघा खेत कs भरना लगे देलैथ ई सोइच के जे बौआ जखन ठिक भs जेत ते भरना खेत छोरे लेब ! से पाई लs के बाबु आ भैया आबैत छलैथ ! रस्ते में कुनू चोर ट्रेन में हुनकर बेग चोरे लेल्कैन ! ओताही से ओ दुनु आदमी घर वापस चली गेला ! ई खबर जखन सुनलो हम आर बेसी बिमार पैर गेलो !

डॉक्टरक आदेश ....
डॉक्टरक आदेश सेहो भेट गेल छल जे इनका बिमारी का ईलाज हमारे हॉस्पिटल में नहीं हो सकता ! क्योकि हमारे समझ मे यह नहीं आता की इनको बिमारी कौन स हैं ! इसको किसी तांत्रिक जी के पास ले जाए वही इनका कुछ उपचार कर सकेगे ! अन्यथा इनका जान जा सकता हैं ! ई बात हम कान से सुनी सुनी के आर बेसी बिमार भs गेलो जे हमर परिवार, हमर खानदान, हमर समाजक लोक हमरा लेs केs कते कते दर दर भटकत !

गाम से भगतक आगमन .....
गामक लोक के जखन हमर बिमारीक कुन्नु चारा आस नै भेतलैन त तखने हमर बाबु भगत काका के कहलखिन जे दिल्ली मे हमर बौआ बहुत बिमार अछि से अहाँ ओतय चलू ! अहाँ भैरब बाबाक फूल आ बिभुत बौआ के देबैय तहि से हमर बौआ ठिक भs जायत ! भगत काका दिल्ली एलैथ हमरा फूल बिभुत देलैथ तखने से हमर सभ बिमारी धीरे धीरे दूर हुवे लागल ...

अहि दुवारे कहल गेल अछि जे ...
नै वैध डॉक्टरक, भेल भगता के काज !
शहरी रोगी के, भेल गामक इलाज !!
जय मैथिली, जय मिथिला,

लेखक -:

मदन कुमार ठाकुर,
कोठिया पट्टीटोल,
झंझारपुर (मधुबनी)
बिहार - ८४७४०४,
मोबाईल +919312460150 ,
ईमेल - madanjagdamba@rediffmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें