लेखक - मुकेश मिश्रा
9990379449
नबकी पुतहु
मुकेश - चाची गोर लगै छि
चाची - बौवा नीके रहू
मुकेश - चाची हम अपन गाम घर स एलव ह , नबकी पुतहु के बारे में किछ पूछ चाहैत छि
चाची - अबिते देरी घोघ हटेली, बिनु पुछनही सब सासन चलेली
घर दुवारी केर चाभी लेली , अपना बस में केलि हबेली
सुनैत छलहु छानी नाम चमेली,देखन्ही बुझलहु छाथी अलबेली
मुकेश - गोर लगै छि भौजी ...
भौजी - मुकेश जी ,आव बैसू
मुकेश - भौजी हम अपन गाम घर स एलव ह
आहा सासु के बारे में किछ पूछ चाहैत छि
भौजी - की कहु छै फूलल गाल,आखी जेना फरचोका लाल
ऊजर धप -धप थिठुरल बाल,लगै जेना छै सोझे काल
कहियो क लगबै छै ताल,छै बर छोट मुदा बर मोट
मोन में हरदम भरने खोट,तामशे ठार रही छै झोट
आचर में किछ बनने नोट,बीरी के मारे छै सोट
पानक संग में जर्दा चाही,बस हमरे टा ले पर्दा चाही
मुकेश - चाची बदलल कनिया
चाची - आब हमर की बदलत दुनिया, बिदाय में अनलक ह हरमुनिया
गामक छौरा-छौरी आबय ,घर में ढोलक झाली बजाबय
घर बनल अछि नाचक मंच ,इ पंचायत करत के पंच
बौआ सेहो ओकरही भेला,कनिया गुरु ओं बनला चेला
ह ह बाजाथी जहिना यंत्र ,जतबे कनिया दै छनी मन्त्र
बौआक बाबुओं ओकरही दिश ,हमरा लेल बस एक जगदीश
मुकेश -की भौजी बदलल सासु ...
भौजी - हमरा लेल छल सोलहो सोन,अपन साफ रखैत छि मोन
काजक पाछु लागल रहलव,बेसी किछी ककरहु नही कहलव
जीबन छोट अछि काज बहुत,हम सब छि भगबानक दूत
इ संसार हमर आछी घर ,सब स बेसी मानथी बर
ससुर हमर छथी जतबे निक,सासु करेला ततबे तित
भब सागर में मुकेशक साथ ,करताह पार भैरब नाथ
गीतकार - मुकेश मिश्रा
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email- mukesh.mishra@rediffmail.com
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