(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

-----कनियाँ बनाम बाबा-----


ओ अपन अथबल मायक कोढ़
आ आन्हर बापक करेज बेचिक'
बेसाह' चाहैत अछि
सनकल कनियाँक लेल
एक रत्ती मुस्की!

तें पितामहक पिताहम केर किनल
माटिक तर में गाडल
संचित पितारिया तमघैल
बेचिक' कीन' चाहैत अछि
अपन 'मैरिज डे' पर
कनियाँ के देबाक लेल उपहार
लाइफ टाइम सिम आ मोबाइल

आ ओम्हर खाट पर पड़ल
खोखिआइत वृध्द्र पितामह
ओहि तमघैल कें बन्हकी राखि
किन लेब' चाहैत छथि
एक डिब्बा च्यवनप्राश
आ' काटि लेब' चाहैत छथि
हाड़ कंपबैत
एही बेरुक जाड़!

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