(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शनिवार, 24 जनवरी 2015

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः

अपनेक समस्त  परिवार  सादर  आमंत्रित  छी 
सरस्वती पूजाक संग   स्टजाम  कीर्तन  में ,
महा मन्त्र  
 काली दुर्गे राधे श्याम -  गौरी  शंकर सीता राम  , 
ध्वनि में  लिप्त  भ अपन  जीवन  के  कृतार्थ  करी , 
धन्यवाद ,
अपनेक दर्शन  अभिलाषी समस्त विद्यापति कॉलोनी निवासी , 
 स्थान -  जलपुरा  ग्रेटर नॉएडा , उत्तर प्रदेश (एनसीआर )
दिनांक - २५ -०१  -२०१५ 


ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्तिः॥

या कुंदेंदु तुषारहार धवला, या शुभ्र वस्त्रावृता |
या वीणावर दण्डमंडितकरा, या श्वेतपद्मासना ||

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभ्रृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता |
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा ||

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमां आद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा पुस्तक धारिणीं अभयदां जाड्यान्धाकारापाहां|

हस्ते स्फाटिक मालीकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धि प्रदां शारदां||
ॐ .....शांति .....शांति ...... शांतिः ......ॐ

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