(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 8 मई 2015

दहेज या मैरेज

दहेजक नाम सुनि कऽ
कांइपि उठैत अछि ,माए-बापऽक करेज
कतबो छटपटायब तऽ 
लड़कवला कम नहि करताह अपन दहेज।
 कहताहजे बियाह करबाक अछि
तऽ हमरा देबैह परत दहेज
पाई नहि अछि तऽ
बेच लिय अपना जमीनऽक दस्तावेज।
दहेज बिना कोना कऽ करब
हम अपना बेटाक मैरेज
दहेज नहि लेला सऽंॅ खराब होयत
समाज में हमर इमेज।
एहि मॉडर्न जुग मे तऽ 
एहेन होइत अछि मैरेज
आयल बरिया रू प्रतिज्ञा
जे आब नहि मॅंागब ति घूरीकऽ जाइत छथि
जऽंॅ कनियो कम होइत अछि दहेज।
मादा-भूर्ण आओर नव कनियाक 
जान लऽ लैत अछि  दहेज
 सभ देखि सूनि कऽ 
काइपि उठैत अछि ‘किशन’ के करेज।
समाज के बरबाद केने 
जा रहल अछि  दहेज
बचेबाक अछि समाज के तऽ
हटा दियौ  मुद्रारूपी दहेज।
खाउ एखने सपत , दहेज 
बिन दहेजक हेतै आब सभ ठाम
सभहक बेटीक मैरेज।
लेखक - किसन कारीगर  
ध्यान देव - अपनेक सहयोग अमुल्य  अच्छी , दहेज़ मुक्त मिथिला में  जूरी आ दहेज़ रूपी दानव  के  ख़त्म  करी  -


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें