आमंत्रण / हकार
आदरणीय,
मिथिला - मैथिली सुधिजन,
मिथिला दर्शनक एक गोट अंक में स्वर्गीय मायानन्द मिश्र लिखने छथि - जहिना प्राचीन विश्वक (अर्थात समस्त इन्दोएरियनक) प्राचीनतम काव्य ग्रन्थ थिक ऋग्वेद जाहि मे तत्कालीन जन जीवन ओ जन समाज केर चित्रण भेल अछि,तहिना आधुनिक विश्वकेर प्राचीनतम गद्य ग्रन्थ 'वर्ण रत्नाकर' थिक जकर महान गद्यकार थिकाह पण्डित ज्योतिरीश्वरठाकुर जे 1280 ई० मे भेल छलाह।
कहबाक प्रयोजन नहि जे आधुनिक विश्व केर भाषा सभक जन्म भेल अछि ई० केर दसम शताव्दीक पश्चात्। एहि मेज्योतिरीश्वर ठाकुर भेलाह 1280 ई० मे। तकर पश्चात् भेलाह कवि कोकिल महाकवि विद्यापति जे भेलाह (1350) तेरहसौ पचास ई० मे तकर पश्चात् आधुनिक अंग्रेजी भाषा ओ साहित्यक जन्मदाता भेलाह चाँसर जे भेल छलाह तेरह सौतेहत्तरि ई० मे। सामान्यतः अंग्रेजी भाषा साहित्य मे मान्यता प्रचलित अछि जे चाँसर चौदहम शताव्दिक उत्तरार्ध मे भेलछलाह।
कहबाक प्रयोजन नहि जे आधुनिक विश्व भाषा सभक जन्म भने दसम शताब्दीक आसपास भ' गेल हो किन्तु रचना -परम्पराक जन्म तेरहम - चौदहम शताब्दीक पश्चाते प्रारम्भ होइत अछि। एहि प्रकारें आधुनिक विश्व भाषाक आदिमगद्यकार पंडित ज्योतिरीश्वर ठाकुरे भेलाह जे मिथिलाक छलाह।
यद्यपि 1265 ई० मे इटली मे भेल छलाह दाँते जे डिवाइन कमेडिक रचना कयने छलाह। किन्तु एक त' डिवाइनकमेडी सामान्य हास्य व्यंगक काव्य रचना थिक दोसर ओहि मे लैटिन भाषाक व्यापक प्रभाव अछि। कहबाक प्रयोजननहि जे आधुनिक युग गद्यक युग थिक जकर प्रमाण छथि अंग्रेजीक समरसेट माम, थॉमस हार्डी, हेमिंगवे आदि जेसब के सब गद्यकारे छलाह। दोसर दिस रूस केर टाल्सटाय तथा फ़्रांस केर चेखव आदि सब गद्यकारे छलाह जे एहिआधुनिक गद्य युगक विशेषता थिक। एहि प्रकारें आधुनिक गद्य युगक सर्वाधिक प्राचीनतम् गद्यकार मिथिलाक , ज्योतिरीश्वर ठाकुर भेलाह।
मायानन्द जी लिखै छथि जे इहो महाकवि विद्यापतियेक भक्ति काव्य ओ श्रृंगारिक काव्यक प्रभाव थिक जे हिन्दी मेपहिने भक्ति काल आएल आ तकर पश्चात् रीति (श्रृंगारिक) काल आयल।
स्वर्गीय रामवृक्ष बेनीपुरी जीक लिखल पुस्तक 'विद्यापति' जे 1926 मे प्रकाशित अछि ओहि पुस्तकक निवेदन मे लिखनेछथि " हिन्दी भाषाक कोनो कवि हिनकर मधुर वर्णनक छाँह तक नहि छुबि सकैत छथि। मुदा हमरा सभक अकर्मण्यताककारन हिन्दी कविक बीच एखन धरि वो अपन स्थान नहि प्राप्त क' सकलाह। एहि कलंक - मोचन के लेल हमरा सब केफाँड़ बान्हि तैयार भ' जेबाक चाही''।
जे भेल से भेल, मुदा आब हमरा बुझना जाइछ जे आब ओ समय कतेको शताव्दिक उपरान्त आबि चुकल अछि जे मैथिल,मैथिलीक प्रति जागरूक भ' रहलाह अछि। ई मानल जा सकैत अछि जे पहिने हमरा सब लग संसाधनक घोर अभावछल कदाचित ताहि हेतु सेहओ ध्यान नहि द' पाओल होएताह , मुदा आब प्रायः समस्त मैथिल एतवा त संपन्न छथियेजाहि सँ मैथिली भाषा - साहित्यक सम्बर्धन दिस डेग जरूर बढ़ा सकैत छथि। प्रयोजन अछि नव तुरिया ,युवा सब केएहि दिस अपन मोन बढ़ेबाक, पैर बढ़ेबाक, गुरुजन सुधिजन के एहन विचार रखबाक जाहि सँ समस्त मैथिलक खुनकधार मे मैथिली भाषाक प्रवाह होइक।
एहि निमित्त भारतक राजधानी दिल्ली मे मैथिली साहित्य महासभा क' अंतर्गतअन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी क' आ मैथिली साहित्यक स्थापना दिवसक सुअवसर पर एकटा “वार्षिकसंगोष्ठी” राखल गेल अछि। जकर विषय अछि "मैथिली साहित्यक सम्बर्धन - प्रवासी मैथिलक भूमिका '' एहि विषयपर अपने विद्वत लोकनि सँ आग्रह जे अपन विचार एहि मंच सँ मैथिल सभक मध्य परसि, जाहि सँ मैथिल मे मैथिलीभाषाक प्रति जन चेतना जागृति होइक आ मैथिली साहित्यक पोथी, जाहि के कतेको मे दीबार (दीमक) लागि गेल ,कतेकोधुल फाँकी रहल अछि से सब बाहर निकलि मैथिलक हाथ मे आबय आ अपन साहित्य के प्रति रूचि बढ़ैक।
एहि निमित्त आगामी 21 फरवरी 2016 (रवि दिन) जवाहरलाल नेहरू युथ सेंटर , नारायण दत्त तिवारी भवन , 219 ,दिन दयाल उपाध्याय मार्ग , दिल्ली -110002 (नजदीक आई टी ओ मेट्रो स्टेशन , करीब 200 मीटर ) बेरु पहर 2 बजेसँ संध्या 6 बजे धरि 'मैथिली साहित्य महासभा, केर 'वार्षिक संगोष्ठी ' आयोजित होबय जा रहल अछि । एहि कार्यक्रम मे कुल अपेक्षित संख्या 250 अछि, जाहि मे देश भरि सं प्रतिनिधिक उपस्थिति उल्लेखनीय रहत।
अखन धरि एहि कार्यक्रमक अतिथि के नाते श्री महेंद्र मलंगिया, डॉ० गंगेश गुंजन, श्री मति मृदुला प्रधान , डॉ० कमायिनी, डॉ० चंद्रशेखर पासवान, डॉ० अरुणाभ सौरभ , सुश्री मनीषा झा प्रभृति वरिष्ठ मैथिल साहित्यकारगणक सहमति प्राप्त भेल अछि।
संगहि एक गोट आग्रह जे अपन सहमति स्वरुप मेल वा पत्रक उत्तर निश्चित रूपेँ दी। कदाचिद् जौं कोनो कारन बसउपस्थिति सम्भव नहि भ' सकैक त अपन विचार जरूर पठायब जकरा संयोजन समूह क व्यक्ति उपस्थिति मैथिल जनतक राखि सकथि।
एहि वार्षिक संगोष्ठी मे अपनेक उपस्थिति प्रार्थनीय अछि।
अपनेक प्रतीक्षा मे,
मैथिली साहित्य महासभा
संयोजक - श्री विजय झा, 9810099451
सह - संयोजक - श्री संजय कुमार झा "नागदह ", 8010218022
निवेदक - समस्त मैथिल समाज ओ संस्था दिल्ली।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें