|| कनियाँ परिछन गीत ||
धीरे - धीरे चलियो कनियाँ
हम सब परिछन अयलों ना |
आबो बिसरू अपन अंगना
हमरा अंगना अयलों ना ||
धीरे - धीरे ------
लाउ हे कलश जल , चरण पखारू
अंगना कनियाँ अयली ना |
शुभ - शुभ गाबू मंगल चारु
अंगना कनियाँ अयली ना ||
धीरे - धीरे ------
माय के बिसरू कनियाँ ,बाबू के बिसरू
हे सुमिरु सासू जी के ना |
बिसरू आबो अपन नैहर
अहाँ सासुर अयलो ना ||
धीरे - धीरे ------
महल अटारी कनियाँ ,बिसरू भवनमा
से चीन्ही लीय ना |
" रमण " टुटली मरैया
अहाँ चीन्ही लीय ना ||
धीरे - धीरे ------
लेखक -
रेवती रमण झा "रमण "
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें