(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2017

जे छल सपना

||  जे छल सपना  || 

सुन - सुन  उगना  , 
कंठ सुखल मोर  जलक बिना  | 
सुन - सुन  उगना  ||  
                    कंठ  सुखल -----
नञि  अच्छी घर कतौ  !
नञि अंगना 
नञि  अछि  पोखैर कतौ 
नञि  झरना  | 
सुन - सुन  उगना  ||
                   कंठ  सुखल -----
अतबे  सुनैत  जे 
चलल   उगना  
झट दय  जटा  सँ 
लेलक  झरना  | 
सुन - सुन  उगना  ||
                   कंठ  सुखल -----
निर्मल  जल सरि  के  
केलनि  वर्णा  |
 कह - कह  कतय सँ 
लय   लें  उगना  || 
सुन - सुन  उगना  ||
             कंठ  सुखल -- 
अतबे  सुनैत  फँसी  गेल  उगना 
"रमण " दिगम्बर  जे 
छल सपना | 
सुन - सुन  उगना  ||
                   कंठ  सुखल -----





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