(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

बुधवार, 21 मार्च 2018

चैतावर

|| चैतावर || 

चैतक        चमकल       इजोरिया 
बलमू   मोरा    मन   तरसाबै    रे | 
रहि -   रहि     कुहकै    कोयलिया  
बलमु     मोरा     मन  तरसाबै  रे || 
            चैतक  --- बलमु --
फुलवन में भँवरा ,करै रंगरेलिया  |
लायल      वसन्तो      बहुरिया   ||
बलमू       मोरा    मन  तरसाबै   रे
                  चैतक  --- बलमु --

पियु -पियु पपिहा ,करै अधिरतिया |
लिखल       सनेहक         पतिया  | |
बलमू      मोरा      मन   तरसाबै   रे
                       चैतक  --- बलमु --
नेमुआँ  फुलायल , अमुआँ  मजरल |
फ़ुलल         जूही          चमेलिया   ||
बलमू       मोरा       मन   तरसाबै   रे
                        चैतक  --- बलमु --
"रमण " पथिक ,पथ प्राण पियासल |
गोड़ियाक    छलकल     गगाड़िया  ||
बलमू       मोरा      मन  तरसाबै   रे
  चैतक  --- बलमु --
लेखक -
रेवती रमण  झा "रमण "




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