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गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

किरीम लगाउ-मुहॅ चमकाउ

किरीम लगाउ-मुहॅ चमकाउ

।एकटा हास्य कथा।

बाबूबरही बज़ार सॅ घूमी क अबैत रही जहॉ सतघारा टपलहूॅ की मुक्तेश्वर स्थान लग बाबा भेंट भए गेलाह। हुनका देखैते मातर हम प्रणाम कहलियैन की बाबा बजलाह आबह बच्चा तोरे बाट ताकि रहल छलहूॅ जे कहिया भेंट हेबअ कतेक दिन बाद एमहर माथे एलह कहअ केमहर सॅ ख़बर नेने आबि रहल छह। हम बजलहूॅ बाबा हम त बरही हाट सॅ तीमन तरकारी किनने आबि रहल छी।
बाबा हरबड़ाईत बजलाह हौ बच्चा हमरो एगो मुहॅ चमकौआ किरीम देए ने ।हम पुछलियैन बाबा ई कहू जे मुहॅ चमकौआ किरीम केहेन होइत छैक। बाबा खिसियाअैत बजलाह कह त तोंही मीडियावला सभ प्राइम टाइम मे हल्ला कए लोक के कहैत छहक जे मरद भए के माउगीवला किरीम यदि हमरा जॅका गोर बनना है त ईमामी हैण्डसम मरदवला किरीम सिरीफ साते दिन मे दोगुना गोरापन। अहि दुआरे भेल जे हमहॅू कनि गोर-नार भए जाइत छी। हम बजलहूॅ बाबा अहॉ कथि लेल एहि किरीम सबहक फेरा मे परैत छी अहॉ त केहेन बढ़ियॉ सौंसे देह बिभूत लेप के अपने मगन मे रहैत छी। हमहूॅ तए अहिं जॅका साधुए छी हमरा लग मुहॅचमकौआ किरीम नहि अछि। ई सुनि बाबा तामसे अघोर भेल बजलाह तहॅू फूसि बजैत छह देखेत छहक मीडियावला लक तए रंग बिरंगक किरीम रहैत छैक तहूॅ मंगनी मे मदैद नहि करबह त हयिए ले 5रूपया आ लाबह मुहॅचमकौआ किरीम।
हम असमंजस मे परि गेलहॅू जे बाबा सन औधरदानी लोक के किरीमक कोन काज से कनेक फरिछा के पूछि लैति छियैन जे की भेल। हम पुछलियैन त बाबा बजलाह हौ बच्चा तोरा सभटा गप की कहियअ। बड्ड सख सॅ चारि बरिख बाद बसहा पर बैसि हम अपन सासुर हरीपुर गेल रही। गौरी दाए त बियाहे दिन सॅ हमर ठोर मुहॅं देखि रूसल छलीह। हम सोचलहॅू जे आई हुनकर सखी सहेली माने हम अपन सारि सभ सॅ हॅसी मज़ाक कए मोन मे संतोख कए लैति छी। हम अपना सारि सॅ पूछलहू कहू कुशल समाचार कि हमर सारि उपकैरि के बजलीह बुरहबा बर बड्ड अनचिनहार बुरहारी मे लगलैन किरीमक बोखार आ सभ गोटे भभा भभा के खूम हॅसैए लगलीह। हम पूछलियैन जे साफ साफ कहू ने की कहि रहल छी कि हमर दोसर सारि आर जोर सॅ हॉ हॉ के हॅसैत बजलीह अईं यौ पाहुन बुरहारी मे सासुर अएलहॅू त अकील रस्ते मे हेरा गेल की\ हम बजलहू से की त एतबाक मे हमर छोटकी सारि मुहॅ चमकबैत बजलीह देखैत छियैक हाट बज़ार मे रंग बिरंगक किरीम पाउण्डस बोरो प्लस डोभ एसनो पाउडर फेरेन लबली बिकायत छै से सब लगा के मुहॅ उजर धब धब बना लेब से नहि। एहेन कारि झोरी मुहॅ पर त घसबैहनियो ने पूछत आ हम तए एम.बी.ए केने छी। जाउ थुथून चमकौने आउ तब हॅसी मज़ाक करब।
आब तोंही कहअ जे बिना किरीम लगौनेह जान बॉचत। देखैत छहक नएका नएका छौंड़ा सभ सासुर जाइअ सॅ पहिने ब्यूटी पार्लर जा थूथून चमकबैत अछि। हौ बच्चा कि कहियअ एखुनका छौंड़ीयो सभ कम ने अछि देखैत छहक किरीम लगबैत लगबैत मुहॅ मे फाउंसरी भए जाइत छैक मुदा थुथून चमकबै दुआरे इहो मंजूर। पछिला पूर्णिमा मेला देखबाक लेल छहरे-छहरे पिपराघाट मेला गेल रही त ओतए गौरी दाए के दू चारि टा बहिना सभ भेंट भए गेलीह हम पूछलियैन जे कहू मुहॅ मे एतेक फाउंसरी केना? कि ताबैत हमर साउस केमहरो सॅ बजलीह पाहुन हिनका सभटा गप कि कहियैन ई सभ किरीम लगेबाक फल। ई छाउंड़ी सभ फिलमी हिरोईन सॅ एक्को पाई कम नहि अछि बिना ब्यूटि पार्लर जेने एकरा सभ के अनो पानि नहि नीक लगैत छैक। ई सुनि हमरो भेल जे ब्यूटी पार्लर जा कनेक थुथून चमका लैति छी। मुदा हम जे ब्यूटि पार्लर जाएब से जेबी मे एक्कोटा पाइओ नहि अछि। भागेसर पंडा के कतेको दिन कहलियैअ जे हमरो ब्यूटि पार्लर नेने चलअ से ओकरो भरि भरि दिन फूंसियाहिक पूजा-पाठ सॅ छुट्टी ने।
हम बजलहॅू त बाबा दिल्ली चलू ने ओतए त बड्ड नीक एक पर एक ब्यूटि पार्लर छै। बाबा बजलाह हौ बच्चा हम डिल्ली नहिं जाएब हौ कियो नमरो पता नहि बता दैत छैक एक सॅ एक ठग लोक सभ रस्ते पेरे भेटतह हमरा त डर होइए। त बाबा चलू ने फिलिम सिटी नोएडा ओहि ठाम फेसियल करा लेब। बाबा बजलाह नहि हौ बच्चा बुरहारी मे एहेन करम नहि करब जे कोनो न्यूज़ चैनल जाएब। तोरो मीडियावला के सेहो कोनो ठीक नहि छह बेमतलबो गप के ब्रेकींग न्यूज़ बना दैति छहक। हम एमहर ब्यूटि पार्लर आ कोन ठिक तों खटाक दिस चैनल पर चला देबहक ब्रेकींग न्यूज़ किरीम लगाउ-मुहॅ चमकाउ।


लेखक:- किशन कारीग़र


परिचय:- जन्म- 1983ई0(कलकता में) मूल नाम-कृष्ण कुमार राय‘किशन’। पिताक नाम- श्री सीतानन्द राय ‘नन्दू’ माताक नाम-श्रीमती अनुपमा देबी।मूल निवासी- ग्राम-मंगरौना भाया-अंधराठाढ़ी, जिला-मधुबनी (बिहार)। हिंदी में किशन नादान आओर मैथिली में किशन कारीग़र के नाम सॅं लिखैत छी। हिंदी आ मैथिली में लिखल नाटक आकाशवाणी सॅं प्रसारित एवं दर्जनों लघु कथा कविता राजनीतिक लेख प्रकाशित भेल अछि। वर्तमान में आकशवाणी दिल्ली में संवाददाता सह समाचार वाचक पद पर कार्यरत छी। शिक्षाः- एम. फिल(पत्रकारिता) एवं बी. एड कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र सॅं।

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