(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शनिवार, 8 दिसंबर 2012

स्वचिन्तन

  • स्वचिन्तन
नोरक सुखैल धार पर ,
अई व्यथित संसार पर ,
करेज क विषाद पर ,
हरैल होशो हवास पर ,
हम बाजु त की बाजु ?
महत्वाकांक्षा के आड़ पर ,
नुकैल व्यभिचार पर,
समस्या हज़ार पर,
समाजक रीत रिवाज पर,
हम बाजु त की बाजु,
मर्यादा के आन पर ,
दुखित प्राण पर ,
ओझरैल समाधान पर,
हरखित इन्सान पर ,
हम बाजु त की बाजु ,
बाजब त कियो मानत कियो नै मानत,
ताई स्वचिन्तन करू अई गंभीर विचार पर,
(रूचि )

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