वर अढ़रन ढ़रन छथि त्रिपुरारि ||
भरि गंगाजल लय कमरथुआ |
सब कियो मिलि कय गाबै नचारी ||
बमभोला--- वर अढ़रन --
ऑके - धथुरा भाँगक गोला |
प्रेम सँ भोग लगौलनि भोला ||
बाघम्बर तन माथे पे चंदा |
कंठ भुजग उर विष धारी ||
बमभोला --- वर अढ़रन ---
झर - झर झहरय जटा सँ गंगा |
भूत पिशाच सब नाचय नंगा ||
सोहे त्रिशूल वर मुण्डक माला |
हाथ मेँ डमरू बरदक सवारी ||
बमभोला--- वर अढ़रन ---
कंठ भुजग उर विष धारी ||
बमभोला --- वर अढ़रन ---
झर - झर झहरय जटा सँ गंगा |
भूत पिशाच सब नाचय नंगा ||
सोहे त्रिशूल वर मुण्डक माला |
हाथ मेँ डमरू बरदक सवारी ||
बमभोला--- वर अढ़रन ---
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