(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 17 अक्तूबर 2017

दियाबाती गीत

|| दियाबाती  गीत ||   


मंगल    दीप     चहूँ   दिस   साजल 
पग -   पग        पर       अभिराम  | 
चौदह     वरस    बनवास  बिताकय 
आइ      एला       मोर      राम - - || 
                 देखू   आइ  एला --- 

दीपहि      दीप     कतारे      लागल  
चट- दय    जेना   अन्हरिया   भागल 
  जगल जन - जन , पुलकित अछिमन  
 सभतरि         देखू        सुख   - धाम | 
देखू     एला     लखन    सीया    राम  || 
                   देखू  आइ  एला --- 
अड़िपन  उपर   कलश   शुभ  साजल 
ढ़ोल   मृदंग     ख़ुशी    के       बाजल  
 मंगल   गीत   सखी   मिलि   गाओल 
मुदित          अयोध्या            धाम  | 
देखू      एला   लखन  सिया     राम || 
       देखू  आइ  एला --- 
सब       शोक       संतापे       ससरल 
हास्य    विनोदे    सभतरि     पसरल 
"रमण "   मुदित मन नाचय  पुलकित 
शोभा        निरखि              ललाम  | 
देखू      एला   लखन  सिया     राम || 
                    देखू  आइ  एला --- 
रचित -
रेवती रमण झा "रमण "

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