।। विद्यापति के गाम बौआ ।।
इहय ग्राम विसपी, विद्यापति के गाम बौआ ।
एहि माटि के तिलक करु,छूबि क प्रणाम बौआ ।।
एहि ठाम गीतक त्रिवेणीक धारा
सम्पत्ति मध्य मात्र बाँसक पिटारा
हिनकहि चरण जे छूबि लेली गंगा
अतय शम्भू- उगना बनल छथि गुलाम बौआ।
इहय ग्राम विसपी, विद्यापति के गाम बौआ ।।
एहि पूण्य माटि सँ सीया बहरयली
राजा जनक केर कन्या कहयली
इहय पवित्र भूमि, इ थीक मिथिला
एहिठाम दशरथ के पुत्र एला राम बौआ ।
इहय ग्राम विसपी, विद्यापति के गाम बौआ ।।
बिना याचना केर अयाचीक जीवन
अतय छली लखिमा,अतय छला मंडन
अपूर्ण पाँच बर्षहि में पूर्ण भेला शंकर
कविवर चन्दाक देखू पूण्य - धाम बौआ ।
इहय ग्राम विसपी, विद्यापति के गाम बौआ ।।
साँझ में संझा , आ प्रात पराती
माटिक पातिल में , चौमुख बाती
मंगल कलश पर आमक पल्लव
गोवर सँ नीपल आ अडिपन ललाम बौआ ।
इहय ग्राम विसपी, विद्यापति के गाम बौआ ।।
रेवती रमण झा " रमण "
09997313751
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