|| मउहक गीत ||
रचित - रेवती रमण झा "रमण "
खीर खैयौ , नञि दूल्हा लजैयौ ऐना |
सारि छथि सोंझा , सरहोजि नव साजलि
वर विधकरी आगाँ में बैसलि
चहुँ नव - नव लोक भरल अंगना |
खीर खैयौ , नञि दूल्हा लजैयौ ऐना ||
एकटा हमर बात मानू यौ रघुवर
आजुक खीर , नञि करियौ अनादर
पुनि मउहक के थारी होयत सपना |
खीर खैयौ , नञि दूल्हा लजैयौ ऐना ||
" रमण " सासुर केर मान आइ रखियौ
सासुरक सौरभ ई खीर आइ चखियौ
बाजू - बाजू यौ दुहा मनाबू कोना |
खीर खैयौ , नञि दूल्हा लजैयौ ऐना |
:-
मउहक गीत - 2
खैयौ , खैयौ खीर यौ पाहुन
की छी गारि सुनैलय बैसल |
सोझ करैलय हमर धिया यौ
अहाँक घर में पैसल ||
खैयौ , खैयौ ------
सभ्य ग्राम केर उत्तम कुल सँ
निकहि बापक बेटा
जे - जे मंगलौ , देलौ सबटा
बेचि कय थारी लोटा
मान - मनौती अतिसय कयलौं
तनिक विवेक नञि जागल ||
खैयौ , खैयौ -----
सुभग नैन नक्स वर ओझा
कीय मति के बकलोल
सबटा ब्यंजन छोरी -छोरी कय
माय खुऔलथि ओल
सब कियो घर में सान्त स्वरूपहि
कियक अहाँ छी चंचल ||
खैयौ , खैयौ ------
जानू "रमण " खीर केर महिमा
ई मिथिला केर रीत
सुमधुर गीत गाबथि मिथिलानी
पावन परम पुनीत
तिरहुत देश हमर ई देखु ,
आइ हँसैया खल - खल
खैयौ , खैयौ -----
लेखक : -
रेवती रमण झा ''रमण "
मो - 91 9997313751
मउहक गीत - 2
खैयौ , खैयौ खीर यौ पाहुन
की छी गारि सुनैलय बैसल |
सोझ करैलय हमर धिया यौ
अहाँक घर में पैसल ||
खैयौ , खैयौ ------
सभ्य ग्राम केर उत्तम कुल सँ
निकहि बापक बेटा
जे - जे मंगलौ , देलौ सबटा
बेचि कय थारी लोटा
मान - मनौती अतिसय कयलौं
तनिक विवेक नञि जागल ||
खैयौ , खैयौ -----
सुभग नैन नक्स वर ओझा
कीय मति के बकलोल
सबटा ब्यंजन छोरी -छोरी कय
माय खुऔलथि ओल
सब कियो घर में सान्त स्वरूपहि
कियक अहाँ छी चंचल ||
खैयौ , खैयौ ------
जानू "रमण " खीर केर महिमा
ई मिथिला केर रीत
सुमधुर गीत गाबथि मिथिलानी
पावन परम पुनीत
तिरहुत देश हमर ई देखु ,
आइ हँसैया खल - खल
खैयौ , खैयौ -----
लेखक : -
रेवती रमण झा ''रमण "
मो - 91 9997313751
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