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मंगलवार, 24 जनवरी 2017

ई शीश धरब बलिदान रे


॥  ई शीश  धरब  बलिदान  रे  ॥ 
परम  स्वतन्त्र  हमर भारत अछि
हक़  अछि    एक    समान   रे  ।
हम   सब  निज  अधिकार   हेतु
 ई  शीश    धरब    बलिदान   रे  ॥
                हम   सब --- ई  शीश --

लहरय     झंड़ा   , आइ    तिरंगा
पागल        पवन     - पतंग   रे ।
केसरिया    बल  , बांग    हरित
अरु  स्वेत   सत्य  केर   रंग  रे ॥
माँ  भारत  के  चरण  पखारल
गंगा     केर    तूफान      रे  ।
                  हम   सब --- ई  शीश --

भारत   माता   केर    सपूतक
सपना    थिक   साकार    रे  ।
देश    भक्त वर  वीर सुभाषक
कीर्ति     विदित    संसार   रे  ॥
 गाँधी    लकुटि   लगोंटी   धारी
देश      रत्न     भगवन      रे ।
        हम  सब --- ई शीश -- ॥

समर -  सिन्धु    तूफान मध्य
सँ  किस्ती  आनल  जीत  रे  ।
"रमण " देश  के बिलटायब  नञि
भारत    भूमि सँ    प्रीत    रे  ॥
भारत    हमर , हम   छी  वाशी
दखल     करात   के   आन   रे  ।
   हम   सब --- ई  शीश --

रचना कार - 
रेवती रमण झा " रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
आनन्दपुर , दरभंगा  ,मिथिला
मो 09997313751

॥   देश के  जँ  बचायब  पिया  ॥


सीथक सिन्दूर हमर , होयत  तखनेटा अमर
देश के जँ बचायब  पिया , उछलि  गँगा  सन जायत हीया

स्वर्ण   पट   पर   सुभाषक  अमर जिंदगी
गाँधी   नेहरू   आ  वीर   कुँवर   जिंदगी ,

धन्य   माइयो  ओकर , पुत्र  वीरो जकर
धन्य  पत्नी ,  जकर  हो पिया  ॥ उछलि  गँगा --

देश  प्रेमी  सँ  मिलिते  रहब  सब  दिन
कर्म भूमि पर  खिलिते  रहब सब दिन

सुधि  बिसरि  कउ  हमर , जायब दुष्टक डगर
    मारब दुश्मन के , पाइनो  पिया  ॥  उछलि  गँगा ---

सीथ    सिन्दूर  सबटा  , ई  झरि  जायत जँ
सउख  हमर सुहागक  ,  ई जरि  जायत जँ

नोर झारब  नञि  हम , शोक डारब नञि हम
रक्त  के हम करब  बिन्दिया  ॥   उछलि  गँगा ---

भाग्य   अवसर  जे  सेवाक  भेँट  गेल  अइ
स्वर्ग   पथ   आब   जेवाक  भेँट  गेल  अइ

"रमण " नर तन  अते , पायब युग - युग  कते
जिन्दगी  ने  करू  , ऐछीया  ॥ उछलि  गँगा ---
रचना कार - 
रेवती रमण झा " रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
आनन्दपुर , दरभंगा  ,मिथिला

मो 09997313751

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