देखू मिथिला नगर के फहराइयै पताका
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
जतक नारी जानकी श्रीराम केर भामिनी
जतक सभ्य संस्कृति के गाबै छथि रागिनी
ई नगरी अपन छोट नगरी जुनि बुझू
अछि सगरो जगत में मचौने धमाका
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
हल्ली-मदन-वाचस्पति के ख्याति छन्हि
विद्यापतिक गीत सब गुनगुनाइत छन्हि
परमज्ञानी सत्यदेव ज्योतिष के ज्ञाता
मिथिला कहल जाईछ संपन्न गुणवाला
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
कोइली कुहुकि स्वर पंचम में गाबय
झमझम बरसि मेघ कजरी सुनाबय
भोरे पराती गाबैइयै सुग्गा
परवा स' सजय रोज मंदिर-शिवाला
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
नीपल जाईछ पीढ़ी गोसाऊनिक नित रोजे
पूजा के शंखनाद कोश-कोश गूजे
घर-घर में शालिग्राम, तुलसी के चौरा
घोघ तर में नारी लागय सीता आ राधा
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
तुलसिक पनिसल्ला में कूश आ डाबा
नाग पूजल जाइछ ल' क' दूध संग लाबा
पातैर में भोग लागय आम-खीर-पूरी
जगदम्बाक कृपा स' हटल रहय विघ्न बाधा
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
यश-कीर्ति-वैभव स' परिपूर्ण मिथिलांचल
जनक जीक न्याय के देवतो सब मानल
"मनीषक" अछि कामना जे बढ़ू सब आँगाँ
मैथिलक विचार उच्च, जीवन होइछ सादा
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
जतक सभ्य संस्कृति के गाबै छथि रागिनी
ई नगरी अपन छोट नगरी जुनि बुझू
अछि सगरो जगत में मचौने धमाका
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
हल्ली-मदन-वाचस्पति के ख्याति छन्हि
विद्यापतिक गीत सब गुनगुनाइत छन्हि
परमज्ञानी सत्यदेव ज्योतिष के ज्ञाता
मिथिला कहल जाईछ संपन्न गुणवाला
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
कोइली कुहुकि स्वर पंचम में गाबय
झमझम बरसि मेघ कजरी सुनाबय
भोरे पराती गाबैइयै सुग्गा
परवा स' सजय रोज मंदिर-शिवाला
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
नीपल जाईछ पीढ़ी गोसाऊनिक नित रोजे
पूजा के शंखनाद कोश-कोश गूजे
घर-घर में शालिग्राम, तुलसी के चौरा
घोघ तर में नारी लागय सीता आ राधा
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
तुलसिक पनिसल्ला में कूश आ डाबा
नाग पूजल जाइछ ल' क' दूध संग लाबा
पातैर में भोग लागय आम-खीर-पूरी
जगदम्बाक कृपा स' हटल रहय विघ्न बाधा
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
यश-कीर्ति-वैभव स' परिपूर्ण मिथिलांचल
जनक जीक न्याय के देवतो सब मानल
"मनीषक" अछि कामना जे बढ़ू सब आँगाँ
मैथिलक विचार उच्च, जीवन होइछ सादा
जत' बाँचल अछि एखनहु धरि मान ओ मर्यादा
मनीष झा "बौआभाई"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें