(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

सोमवार, 9 अप्रैल 2012

मोन कियै सिंहासन पर

मोन कियै सिंहासन पर
घर मे आफत राशन पर

काज करय मे दाँती लागय
तामस झाड़ी बासन पर

लाज करू जे पाहुन जेकाँ
खाय छी कोना आसन पर

खोज-खबर नहि धिया-पुता के
बात सुनाबी शासन पर

बिना कमेने किछु नहि भेटत
जीयब खाली भाषण पर

कहू सोचिकय कहिया सुधरब
जखन उमरि निर्वासन पर

सुमन समय पर काज करू
आ सोचू निज अनुशासन पर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें