चलू बैसिकय केँ कानय छी
असगरुआ जौं नहि नीक लागय
आओर लोक केँ आनय छी
समाधान आ कारण हमहीं
बात कियै नहि मानय छी
पैघ लोक के बात, सोचबय
के के एखन गुदानय छी
आस व्यर्थ छी बिना प्रयासक
फुसिये गप केँ तानय छी
नीक आओर अधलाह लोक केँ
कियै एक सँग सानय छी
लऽ कऽ चालनि सुमन हाथ मे
नीक लोक केँ छानय छी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें