(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

हम नै ई दुनियाँ कहैया - मदन कुमार ठाकुर


हम नै ई दुनियाँ कहैया

हमरा राज्य में ई सब भेल ,
फल्ला के राज्य में कि सब भेल
फूसी - फटक सब नेता बजैया ,
इलेक्शन बाद फेर के पुझैया
हम नै ---- ई दुनियाँ कहैया

गाम - गाम में मुखिया सरपंच ,
एक दोसरक सब खाइया अंस
ग्राम विकासक काज कहैया ,
अपन रोजी- रोटी के मार्ग बनबैया,
हम नै ---- ई दुनियाँ कहैया

बढिक दाही रौदिक अकाली ,
घर- खसि ई सब लोग कहैया
एसडियो -बीडीओ सब के लेखा - जोखा ,
भगवती से सद्दा ईहा मनबैया
हम नै ---- ई दुनियाँ कहैया

हॉस्पिटल चकर सब दिन लगैया ,
बिमारी सबहक खान भेटैया
डाक्टर सब नै नजैर परैया ,
अपन किल्निक सदीखन बैसैया
हम नै ---- ई दुनियाँ कहैया

तिलक द्हेजक जखन बात चलैया ,
लाख डेढ़ लाख से कम नै कहैया
अपना पर जखन विपैत परैया ,
बापरे - बाप कहिय दूर भगैया
हम नै ---- ई दुनियाँ कहैया

साधू – संत के जो बात चलैया ,
लोक -लाज से भीन्ने मरैया
आसन लगा सब भाषण करैया ,
अपन पेट लेल खुद्ये मरैया
हम नै ---- ई दुनियाँ कहैया

चिठ्ठी - पत्री के आब पढ़ेया ,
हेंड सेट से फुर्सत नै भेटैया
खन दरिभंगा , खन मधुबनी ,
अपना में सब लोक बजैया
हम नै ---- ई दुनियाँ कहैया

हाय - हेलो सब लोग बजैया ,
छोरी - छोरा संग नाच करैया
अपना के महान बुझैया ,
अपन मान- सम्मान गम्बैया
हम नै ---- ई दुनियाँ कहैया

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें