(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

समय-सालक नव अंक बजार मे

1. कार्टून बाला साहेबक-मन्त्रेश्वर झा
2. के अछि कृषकक मर्मांतक पीड़ा देखनिहार(संपादकीय)
3. किछु जानल किछु सोचल(विभिन्न खबरि पर रिपोर्ट)
4. शहरी सुख सं वंचित किसान-महाकान्त मंडल
5. कांग्रेसक विरूद्ध विपक्षक अभाव-मधुकान्त झा
6. मिथिलांचल राज्य चाही-
7. अम्बेदकर सत्य आ सपना-जयराम यादव
8. मिथिला आ मैथिली-राजनन्दन लाल दास
9. सराप(लघुकथा)-रानी झा
10. अबंड जकां बौआइत(कविता)-डॉ. वीरेन्द्र मल्लिक
11. ग़ज़ल-विजयनाथ झा
12. सवाल जागल अछि(कविता)-मधुकान्त झा
13. एहेन त भेल अछि(कविता)-अंशुमान सत्यकेतु
14. पराकाष्ठा(कथा)-भक्तीश्वर झा सारथी
15. सरकार दर्शन- राजशेखर
16. फगुआ में माछ?किन्नहु नहि !-शिवकुमार नीरव
17. स्वर्गक चुनावी दंगल-ज्योतीरीश्वर झा
18. श्रेष्ठतम मैथिली साहित्यकार-अरविन्द कुमार सिंह झा
19. मैथिली भाषाक विकासक बाधक तत्त्व-डॉ. वीरेन्द्र झा
20. जीवन प्रेमीक देह यात्रा थिक-लतिका

पत्रिका प्राप्ति सम्पर्कः 9899891808

प्रस्तुतकर्ताक ब्लॉगः सा विद्या या विमुक्तये


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