चारि-पांति
चैत मास नवमी रामजी जनम लेल
बधैया बाजल अवध नगरीया
वैशाखक नवमी सीता के जनम भेल
धन्य भेलइ मिथिला नगरीया ॥
चैत मास नवमी रामजी जनम लेल
बधैया बाजल अवध नगरीया
वैशाखक नवमी सीता के जनम भेल
धन्य भेलइ मिथिला नगरीया ॥
चारि-पांति
मि सँ मिठगर मैथिली भाषा
थि सँ थिकाह मैथिल मोर
ल सँ लागथि प्रियगर मानव
मिथिला में मौध चुवय ठोर
मि सँ मिठगर मैथिली भाषा
थि सँ थिकाह मैथिल मोर
ल सँ लागथि प्रियगर मानव
मिथिला में मौध चुवय ठोर
चारि-पांति
माँगल वरदान रघुवर सँ जानकी
वैकुंठ पावथि मैथिल मृत्युपरांत
राखल मान विहुँसि रघुकुल नायक
तुलसीचौड़ा तेजथि अपन प्राण ॥
माँगल वरदान रघुवर सँ जानकी
वैकुंठ पावथि मैथिल मृत्युपरांत
राखल मान विहुँसि रघुकुल नायक
तुलसीचौड़ा तेजथि अपन प्राण ॥
चारि-पांति
चिक्कन चकेट्ठा धिम्मर पिच्छर
कोढ़िया मचाने बैसल रहैयै
गोल-गोल गुलछर्रा गलथोथर
गजधिम्मर खिल्ली बस चिबबैयै
चिक्कन चकेट्ठा धिम्मर पिच्छर
कोढ़िया मचाने बैसल रहैयै
गोल-गोल गुलछर्रा गलथोथर
गजधिम्मर खिल्ली बस चिबबैयै
चारि-पांति
बात के छाँटथि पौलीस मारथि
खाली टिपगर टिपथि बात
नीक निकुत सभ हिनके चाही
बस बबुआनी छन्हि काज
चारि-पांति
वैदेही सन धीया एहि जगमें
परतर करत के आन
राखल मर्यादा नैहर-सासुर
पुरुषोत्तम बनलाह राम ॥
वैदेही सन धीया एहि जगमें
परतर करत के आन
राखल मर्यादा नैहर-सासुर
पुरुषोत्तम बनलाह राम ॥
चारि-पांति
गृहस्थी छोड़ि ठाम गमाओल
जुलूम केलनि बड्ड भारी
शहर पहुँचि पहिचान गमाओल
एहिसँ गामक नीक गोरथारी
गृहस्थी छोड़ि ठाम गमाओल
जुलूम केलनि बड्ड भारी
शहर पहुँचि पहिचान गमाओल
एहिसँ गामक नीक गोरथारी
चारि-पांति
अजब खेल संग गजब तमाशा
नगर गाम घर पसरल
कर्ज खेबाक लेल इसरी-मिसरी
सप्पत खाई लै रामेश्वर ॥
जूरि-शीतल
चइत मास विक्रम संवत एलइ
पर्यावरण सेहो स्नेह सिक्त भेलइ
आई मैथिलीक नववर्ष मनेलइ
जूरि-शीतल में सभ जुरेलइ ।
चास वास देव पितर जुरेलइ
बउवा बुच्ची संग माय जुरेलइ
बाबा मैयाँ बाबू कक्का जुरेलइ
बउवा बुच्ची संग माय जुरेलइ
बाबा मैयाँ बाबू कक्का जुरेलइ
गाछ बिरीछ आ बाट जुरेलइ ।
काँच बाँसक फुचुक्का बनलइ
थाल कोदो सँ हुरदुंग केलकइ
हुर्रा-हुर्री के कुसधुम मचलइ
आँगन तुलसी चौड़ा डाबा टंगलइ ।
थाल कोदो सँ हुरदुंग केलकइ
हुर्रा-हुर्री के कुसधुम मचलइ
आँगन तुलसी चौड़ा डाबा टंगलइ ।
टटका आओर बसिया पाबैन भेलइ
बड़ी भात दही दैलपुरी सब खेलकइ
सतुवाइन फेर सँ लवान करेलकइ
बगरा कौवा मेना खन्जनि खेलकइ ।
बड़ी भात दही दैलपुरी सब खेलकइ
सतुवाइन फेर सँ लवान करेलकइ
बगरा कौवा मेना खन्जनि खेलकइ ।
मिथिला मैथिली केर मान जुरेलइ
बाबाक दलान खरिहान जुरेलइ
मैथिल सभक अरमान जुरेलइ
नगर गाम घर सभठाम जुरेलइ
बाबाक दलान खरिहान जुरेलइ
मैथिल सभक अरमान जुरेलइ
नगर गाम घर सभठाम जुरेलइ
जय मिथिला जयति मैथिली
अमरनाथ मिश्र' भटसिमरि
अमरनाथ मिश्र' भटसिमरि
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