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सोमवार, 6 अप्रैल 2015

चाइर पांति - अमरनाथ मिश्र' भटसिमरि

चाइर पांति - अमरनाथ मिश्र' भटसिमरि
चाइर पांति
साते भबतू सुपरीता  

देवी शीखर बासनी  |

उगरेन तपसा लबधो  
जया पशुपति पती पती ||


चाइर पांति
नान्हियेटा सँ सुइन रहल छी
मिसरीक भाषा थिकिह मैथिली | 

राम नाम लड्डू गोपाल नाम घी

हरि नाम मिसरी घोइर घोइर पी ||

चाइर पांति

शीलबट्टा पर पीसल भांग 

दुपहरीये में देखब चान |
भांग पिबि कैलाशे देखब
बैसल छथि शंकर भगवान ||
 श्री गौरीशंकराभ्यान नम:

हर हर महादेव
चाइर पांति
बियाह में कनिञा चन्द्रमूखी सन

सूर्यमुखी तकर बाद |

किछुए दिन बाद देखब भयंकर

ज्वालामुखी के अवतार ||

चाइर पांति

नश्वर सुन्नर कोमल काया

जूइन करू एकर गुमान |
उरतै हंस एसगर एकदिन
विधनाक लिखल विधान ||

चाइर पांति

बइस सिंहासन बाबू साहेब

बनलाह लाट गवर्नर |
करनी धरनी बंगौर सनक
भारी छन्हि फुफकार  ||

चाइर पांति

बर बर देखल अजोध

खाली शेखी बघारथि |
ढ़कने ढ़कने सरबे सरबे
जुवैले गप्पो बाँटथि  ||

चाइर पांति

हमरा मिथिला के अभगली दरिद्री

उरहैरियो तूँ जो गइपराइयो तूँ जो |
जागि रहलौ आब सभ मिथिलावासी
खिसैकिये तूँ जो गइबिलाइयो तू जो  ||

चाइर पांति

लटकल फेर किसान की 

आब ने कोनो बाट सुझयै |
बैस सिंहासन मुँहगर देखु
खाली गप्प चिबाबयै ||

चाइर पांति

आषा आओर विश्वास थिक

एहि जीवनक आस |
बारह मास फूलय फलय
छगुन्त भेल संसार  ||

चाइर पांति

टिटही जनता टिटिया रहल

कयो नै सुधि लेनिहार |
तूर तेल द् परल छथि कानमे
जनता छोरल मझधार ||

चाइर पांति
सेहन्ता सँ चरक चिकनी माइट अनलकइ 
आँकड़ पाथर चुइन क् लोइया सनलकइ  |
घिरनी जेकाँ नचैत चाक पर थोइप देलकइ 
सुन्दर मोम सन मुरूतक आकृति बनेलकइ ||

चाइर पांति 
आउ उम्मीदक दिया जराबी  
सुन्दर एहेन जहान बनाबी  |
सुख शांतिक भरोस करी हम  
शांति-विजय के घोष करी हम ||

चाइर पांति 
विक्रम संवत पक्षक राजा 
कृष्ण पक्ष आ शुक्ल पक्ष |
आदि काल सँ साक्ष्य थिक 
राइत दिनक बांटल अन्तर ||

संकलन


अमरनाथ मिश्र' भटसिमरि

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