चाइर पांति - अमरनाथ मिश्र' भटसिमरि
चाइर पांति
साते भबतू सुपरीता
देवी शीखर बासनी |
उगरेन तपसा लबधो
जया पशुपति पती पती ||
चाइर पांति
नान्हियेटा सँ सुइन रहल छी
मिसरीक भाषा थिकिह मैथिली |
राम नाम लड्डू गोपाल नाम घी
हरि नाम मिसरी घोइर घोइर पी ||
चाइर पांति
शीलबट्टा पर पीसल भांग
दुपहरीये में देखब चान |
भांग पिबि कैलाशे देखब
बैसल छथि शंकर भगवान ||
ॐ श्री गौरीशंकराभ्यान नम:
हर हर महादेव,
चाइर पांति
बियाह में कनिञा चन्द्रमूखी सन
सूर्यमुखी तकर बाद |
किछुए दिन बाद देखब भयंकर
ज्वालामुखी के अवतार ||
चाइर पांति
नश्वर सुन्नर कोमल काया
जूइन करू एकर गुमान |
उरतै हंस एसगर एकदिन
विधनाक लिखल विधान ||
चाइर पांति
बइस सिंहासन बाबू साहेब
बनलाह लाट गवर्नर |
करनी धरनी बंगौर सनक
भारी छन्हि फुफकार ||
चाइर पांति
बर बर देखल अजोध
खाली शेखी बघारथि |
ढ़कने ढ़कने सरबे सरबे
जुवैले गप्पो बाँटथि ||
चाइर पांति
हमरा मिथिला के अभगली दरिद्री
उरहैरियो तूँ जो गइ, पराइयो तूँ जो |
जागि रहलौ आब सभ मिथिलावासी
खिसैकिये तूँ जो गइ, बिलाइयो तू जो ||
चाइर पांति
लटकल फेर किसान की
आब ने कोनो बाट सुझयै |
बैस सिंहासन मुँहगर देखु
खाली गप्प चिबाबयै ||
चाइर पांति
आषा आओर विश्वास थिक
एहि जीवनक आस |
बारह मास फूलय फलय
छगुन्त भेल संसार ||
चाइर पांति
टिटही जनता टिटिया रहल
कयो नै सुधि लेनिहार |
तूर तेल द् परल छथि कानमे
जनता छोरल मझधार ||
चाइर पांति
सेहन्ता सँ चरक चिकनी माइट अनलकइ
आँकड़ पाथर चुइन क् लोइया सनलकइ |
घिरनी जेकाँ नचैत चाक पर थोइप देलकइ
सुन्दर मोम सन मुरूतक आकृति बनेलकइ ||
चाइर पांति
आउ उम्मीदक दिया जराबी
सुन्दर एहेन जहान बनाबी |
सुख शांतिक भरोस करी हम
शांति-विजय के घोष करी हम ||
चाइर पांति
विक्रम संवत पक्षक राजा
कृष्ण पक्ष आ शुक्ल पक्ष |
आदि काल सँ साक्ष्य थिक
राइत दिनक बांटल अन्तर ||
संकलन
अमरनाथ मिश्र' भटसिमरि
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