मिथिला धाम
सुन्दर मिथिला धाम छइ
मैथिली के मुस्कान छइ ।
भोरे साँझे कोयली कुहकय
पपीहरा गीत सुनाबैत छइ
सुरूज पराते तिमिर भगावथि
लालहि लाल विहान छइ ॥
ठाँव महादेव घंटीक टन टन
पौतीमें सालिग्राम छइ
तुलसीदल सँ तिरपित होइ छइ
महिमा हिनक महान छइ ॥
आनन चानन कुसुमक कानन
गेना आओर गुलाब छइ
फुल लोढ़य लेल देखल व्याकुल
मिथिला के सन्तान छइ ॥
कोशी कमला चरण पखारथि
घरहि घर भगवान छइ
मैथिली के सुन्दर बगिया में
सुन्दर मिथिला धाम छइ ॥
बाग बगीचा लीच्ची जामुन
गमगम आम लताम छइ
ठकुआ पुरी बगिया भुसबा
घरहि में पकवान छइ ॥
पोखरि झाँखरि बारी झारी
माछ मखान आओर पान छइ
लत्ती लतरल चतरल देखल
कोनचर पर तिलकोर छइ ॥
अमरनाथ मिश्र (भटसिमरि)
मधुबनी मिथिला
जय मिथिला जयति मैथिली जय श्री हरि:
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