(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम घर में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घर अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

सोमवार, 21 जून 2010

कोजगरा


लेखक - मुकेश मिश्रा
अहि रायतो क लाख -लाख अभिन्दन
अहि दिनों क लाख -लाख अभिन्दन
अपन गाम घर और अपन गाम घर स जुरल सब भाय क
गीत कार व एक्टर मुकेश मिश्रा के तरफ स
सेहो लाख -लाख अभिन्दन

कोजगरा

गणु घर आंगन चमकाबौथ, सजबौथ अपन दलान
नहु - नहु बात फटैय छैन चिबा रहल छैथ पान
आयल मुकेश जी पुछलक काका .......

मदन जी के छि काइल कोजगरा, कुन नाच मंगबैय छि
मुह मोरी क कहला मुकेशबा,सेहो नय बुझल खुलासा
तहन पहिले से करारी केने छाथ एक पछहतर टाका ,
आ एगो मोटर गारी से ज नै लेता देता त हेबे कर्तान झगरा
हेबे कर्तान झगरा रौऊ मुकेशबा हेबे कर्तान झगरा
कतबो करता खोयचातानी, देबअ परतान टिभी जपानी
सोन सनक मदनजी हमर, नोकरी छैय सरकारी
तैय जमाय के नैय कोना देथिन एगो गारी
संगे संग टोकना लोटा अरिया थारी,
देब कुन भेलै इ भारी ....
नै कोना देथिन समैध बोरा भरल मखान
तहन ने रात भैर ओगेर क परसब अपन दलान
आंगन में बूङी अरिपन द सुभे गीत गाबी रहल छैथ
कोंटा दिश ताकि रहल छैथ, जे किया नै भार आयल ह
एतेक राइत बीत गेलै ह, किया नै भार आयल ह
धरफर धरफर लोक करै य परसू गणु मखान .....
गीतकार- मुकेश मिश्रा
9990379449

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