लेखक - मुकेश मिश्रा
बंगाली बाबा
हमर गामक बंगाली बाबा कऽ के नै जनैत यऽ
बंगाली बाबा अपन आधा ज्निगी पढ़ाइये
में बितौला , परबा -लिखबा के उपरान्तो,
हिनका में ओं स्वभाब नै छल जे बिचार
एगो बिद्वता में हैत यऽ ,सब कऽ हिन् भाबना
सऽ देखैत छलखिन ,और अपन बिद्वांक प्रसंसा
करैत रहै छला ,धोखो सऽ जऽ कियो पढ़ल-लिखल
सजनऽ हुनका आगा परि गेलैन ,तऽ फेर जामैत
दस बीसटा लोक नै आबी जय ता धरी वो अपन
ब्याकरण कऽ तानड्ब सऽ सब कऽ ह्कोचित कऽ के
छोरैत छला ,
एक दिन कोट कऽ किछ काज सऽ, झंझारपुर बिदा भेला ,
कमला बलान पर जा कऽ नाव में बैसला ,...
किछ देर आगा गेलात,की अपन अहंकार भरल
मुह सऽ नाव बला कऽ पुछला ....
बंगाली - हवऽ तोरा ब्याकरण अबै छऽ
नाव बला - नै मालिक हमरा नै आबै यऽ
बंगाली - धू -धू तोहर सब कऽ याह लीला छव
(नाव बला चुपचाप सबटा सुनैत छल , मेघ में
बादल से लागल जायत छल,)
बंगाली -हवऽ भूगोल -नागरिक अबै छऽ
नाव बला - नै मालिक
बंगाली - तहन तऽ तोहर पूरा ज्निगी बेकार छव
(नाव बला सबऽ किछ चुपचाप सुनैत छल, अचानक
हबा कऽ तेज सऽ नाव बिच भवर में फैस गेल ,)
नाव बला - मालिक हेलल अबै यऽ
बंगाली - हमरा हेलल नै अबै यऽ
नाव बला - तहन तऽ अपन ब्याकरण,भूगोल ,नागरिक
कऽ मदत के लेल बजा लिय , कियाकि नाव भवर में फैस
गेल , किछ देर में डूबी जायत ,
(एतेक कहि कऽ नाव बला नाव सऽ कुदी गेल ,बंगाली बाबा
मुह तकिते रही गेलएत,)
तहन बंगाली बाबा कऽ समझ में एलन जे आदमी कऽ एगो
बिद्या में निपुण रहला सऽ किछ नै हैय छै, बिद्या कऽ संग -
संग किछ औरो गियान रहनाय अति आबस्यक छैय,
गीतकार - मुकेश मिश्रा
9990379449
br nik bngali baba
जवाब देंहटाएंBNGALI BABA,BR NIK LAGL
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